नयी दिल्ली, 17 मार्च। कांग्रेस सांसद एम. के. राघवन ने विवादित बयान देने वाली एक प्रोफेसर को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी)-कालीकट में पदोन्नति दिए जाने का मुद्दा सोमवार को लोकसभा में उठाया और कहा कि इन संस्थानों में नियुक्तियां अत्यंत पारदर्शिता के साथ की जानी चाहिए।
उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान कहा कि शैजा ने 2024 में ‘‘महात्मा गांधी के हत्यारे की प्रशंसा करते हुए एक विवादास्पद बयान दिया था।’’
राघवन ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि भारत को बचाने के लिए उन्हें गोडसे पर गर्व है। इस बयान के कारण उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और फिलहाल जांच चल रही है। दुर्भाग्य से, उनके इस आलोचनात्मक बयान के लिए उन्हें पदोन्नति दी गई। मैं जानना चाहता हूं कि इससे पूरे देश में क्या संदेश जाएगा।’’
एनआईटी कालीकट में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर ए शैजा को पिछले महीने संस्थान का डीन नियुक्त किया गया था, जिससे विवाद खड़ा हो गया था।
वर्ष 2024 में गांधी की पुण्य तिथि पर उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट में लिखा था, ‘‘भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है।’’ (भाषा)