सरगुजा

राजस्व अफसरों की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग,
01-Jun-2021 9:04 PM
 राजस्व अफसरों की कार्रवाई  पर रोक लगाने की मांग,

   उर्वरक विक्रेताओं ने सौंपा ज्ञापन    

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 1 जून। अम्बिकापुर के थोक उर्वरक विक्रेताओं द्वारा उपसंचालक कृषि को राजस्व विभाग द्वारा की जा रही छापेमारी पर असंतोष जताते हुए ज्ञापन सौंपा।

सरगुजा एग्री इन्पुट डीलर्स एसोसिएशन द्वारा आज जिले के अध्यक्ष समीर अग्रवाल के नेतृत्व में उपसंचालक कृषि से मुलाकात कर विगत दिनों में राजस्व विभाग द्वारा की जा रही छापामार कार्रवाई पर असंतोष जाहिर करते हुये ज्ञापन सौंप कर की जा रही कार्रवाई को रोकने हेतु निवेदन किया।

सरगुजा एग्री इन्पुट डीलर्स एसोसिएशन द्वारा उपसंचालक कृषि को सौंपे गये ज्ञापन मे बताया कि हम सभी थोक उर्वरक विक्रेताओं द्वारा केन्द्र सरकार द्वारा निर्देशित एवं एनआईसी के नियमों के तहत ही उर्वरक का व्यवसाय संचालित किया जा रहा हैं एवं एमएफएमएस के नियमों का पालन किया जा रहा है। किन्तु राजस्व विभाग द्वारा निरीक्षण के दौरान एनआईसी द्वारा जारी दिशानिर्देशों को दरकिनार कर नियमों के पालन करने का निर्देश दिया जा रहा है, जो अनुचित है और इसके अभाव में कम्पनियों द्वारा डीलरों को प्रदान किये गये, उर्वरक की सब्सिडी केन्द्र सरकार द्वारा पास नहीं की जाएगी।

उर्वरक विक्रेताओं द्वारा बताया गया कि राजस्व अधिकारियों द्वारा मैन्यूअल स्टॉक मेन्टेन करने, प्रत्येक किसान को सिर्फ दो बोरा ही उर्वरक प्रदान करने, सरगुजा जिले से बाहर के किसानों को उर्वरक नहीं देने, प्रतिदिन उर्वरक कय्र विक्रय की जानकारी भेजने, सरकार द्वारा निर्धारित दर पर उर्वरक विक्रय करने के साथ साथ अन्य निर्देश जारी किये गये हैं, जो अव्यावहारिक है एवं उनका पालन करना संभव नहीं है।

ज्ञापन में बताया गया कि उर्वरक क्रय विक्रय की समस्त जानकारी शासन की ऑनलाइन एजेंसी के पोर्टल पर अपलोड होती हैं जो कोई भी देख सकता है एवं शासन की एजेंसी द्वारा एक किसान को अधिकतम पचास बोरी उर्वरक प्रदान करने की सीमा तय की गयी है, केन्द्र सरकार द्वारा जारी निर्देशो के अनुसार किसी भी जगह का किसान देश के किसी भी कोने के उर्वरक विक्रेताओं से उर्वरक क्रय कर सकता हैं साथ ही थोक उर्वरक विक्रेता किसी भी जिले में उर्वरक विक्रय कर सकता है,साथ ही प्रतिदिन स्टाक रिपोर्ट भेजना भी संभव नहीं हैं क्योंकि हम उर्वरक विक्रेता पहले ही लाकडाउन, एवं रेट घटने के नुकसान से परेशान है क्योंकि कम्पनियों द्वारा अभी तक घटे दर के अंतर की राशि ना ही डीलरों को वापस की गयी हैं और ना ही इसके सम्बन्ध मे अभी तक कोई निर्णय दिया गया हैं जिससे हम सभी को लाखों का नुकसान हुआ है और राजस्व अधिकारियों द्वारा जारी निर्देशो के पालन के लिये हमे अलग से कर्मचारी रखने पड़ेंगे जिससे हम लोगों को अतिरिक्त आर्थिक नुकसान उठाना पडेगा जो असम्भव है।

ज्ञापन में मांग की गयी है कि राजस्व अधिकारियों द्वारा की जा रही कार्यवाही पर रोक लगे एवं उनके द्वारा जारी नियमों को शिथिल किया जाये, इसके अभाव में व्यवसाय करना संभव नहीं होगा और हम थोक उर्वरक विक्रेता अपना व्यवसाय बन्द करने मजबूर होंगे एवं आगामी खरीफ सीजन मे किसानो को उर्वरक की कमी से जूझना पड़ सकता है, जिसकी जवाबदेही विभाग की होगी।

ज्ञापन सौंपने वाले वितरकों में शंकर ट्रेडिंग कम्पनी, विजय ट्रेडिंग कम्पनी, इफको बाजार, शुभम् फर्टिलाईजर्स, डीपीएमके फर्टिलाईजर्स, किसान सेवा समिति एवं अन्य प्रमुख थोक उर्वरक विक्रेता बन्धु उपस्थित थे।


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