सरगुजा

विद्यार्थियों और आजाद सेवा संघ ने विवि प्रशासन के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 7 जुलाई। संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2024-25 में आयोजित वार्षिक परीक्षाओं के हाल ही में घोषित परिणामों में बीए, बीएससी एवं बीसीए अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को एक विषय में शून्य (00) अंक प्रदान किए जाने के गंभीर मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस चिंताजनक स्थिति पर विद्यार्थियों और आजाद सेवा संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
आज आजाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा के नेतृत्व में एवं छात्र मोर्चा जिला अध्यक्ष प्रतीक गुप्ता की उपस्थिति में बड़ी संख्या में छात्रों ने कुलपति से मुलाकात की। छात्रों ने कुलपति को अवगत कराया कि विशेष रूप से बीएससी फाइनल ईयर में मैथमेटिक्स विषय में, बीसीए फाइनल ईयर के मैथमेटिक्स में, और बीसीए फाइनल ईयर के जावा विषय में कई विद्यार्थियों को शून्य अंक दिए गए हैं।
यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि एक ही क्लास के 90 प्रतिशत विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण कर दिया गया है। विद्यार्थियों ने जोर देकर कहा कि वे अपने परिणाम से पूरी तरह असंतुष्ट हैं, क्योंकि उन्होंने परीक्षाओं में सही उत्तर लिखे थे, इसके बावजूद उन्हें इस तरह का परिणाम थमा दिया गया है।
संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के परिणाम जारी करने में पहले ही काफी देरी की है। उन्होंने यह भी बताया कि संभाग के अधिकांश महाविद्यालयों में इसी प्रकार की समस्याएं पाई गई हैं, जो पूर्ण रूप से जांच का विषय है। मिश्रा ने इसे विद्यार्थियों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ बताया, क्योंकि इस प्रकार के त्रुटिपूर्ण परिणाम न केवल उनके मनोबल को तोड़ते हैं, बल्कि उनकी आगे की शिक्षा और करियर की संभावनाओं को भी प्रभावित करते हैं।
यह विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार नहीं किया गया है; पिछले सत्र में भी इसी प्रकार से विद्यार्थियों को शून्य अंक दे दिए गए थे, जिससे कई विद्यार्थियों का भविष्य खराब हुआ था।
आजाद सेवा संघ ने इस गंभीर अनियमितता का संज्ञान लेते हुए, एक उच्च स्तरीय एवं निष्पक्ष जांच समिति के गठन की मांग की है। इस समिति से संबंधित उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने, अनियमितता के मूल कारणों की गहनता से जांच करने और दोषियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही सुनिश्चित करने की अपेक्षा की गई है।
इस पूरे प्रकरण पर संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पी.पी. सिंह ने उनकी शिकायतें सुनीं। उन्होंने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए एक समिति का गठन किया है और छात्रों को विश्वास दिलाया है कि छात्र हित में ही फैसला होगा।