सरगुजा

अम्बिकापुर, 13 दिसंंबर। जनजाति गौरव युवा समाज, अंबिकापुर द्वारा शहीद वीरनारायण सिंह का बलिदान दिवस नमनाकला स्थित वनवासी कल्याण आश्रम में मनाया गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता जनजाति गौरव युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष इन्दर भगत ने उनके बलिदान दिवस पर कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत, महान योद्धा हैं, उन्हें छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद का गौरव प्राप्त है, ऐसे महान क्रांतिकारी का बलिदान समर्पण और देशभक्ति की शिक्षा प्रदान करता है।
गुलामी के काल में 1856 में पड़े भीषण अकाल में 500 से अधिक लोगों को जोडक़र एक टुकड़ी तैयार करके भूखग्रस्त जनता को मुक्ति दिलाने के लिए दमनकारी अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंका। देश की स्वाधीनता के लिए लगातार अंग्रेजों से संघर्ष करते रहे। अंग्रेजों ने गिरफ्तार करके 10 दिसंबर 1857 को रायपुर स्थित जयस्तंभ चौक में फांसी दे दी। उनका बलिदान छत्तीसगढ़ में देशभक्ति की भावना को जागृत करता है।
उन्होंने आगे कहा कि यह जनजाति समाज के लिए गौरव का विषय है कि शहीद वीर नारायण सिंह जनजाति समाज से थे और जनजाति समाज का स्वाधीनता संग्राम में योगदान का यह श्रेष्ठ उदाहरण है। जनजाति समाज ने सदैव से अंग्रेजों के खिलाफ जहां भी रहे, हर स्थान पर संघर्ष किया है।
जब तक देश स्वाधीन नहीं हुआ तब तक अंग्रेजों के खिलाफ जनजाति समाज का संघर्ष सतत रूप से चलता रहा। जनजाति समाज इस देश का प्रहरी, रक्षक और प्राण है। कार्यक्रम में उपस्थित जनजातीय समाज के युवाओं ने शहीद वीरनारायण सिंह के छायाचित्र में पुष्पांजलि अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से युवा समाज सरगुजा जिला अध्यक्ष पावन पूर्णाहुति भगत, सोनिया मुंडा, दुर्गावती नागवंशी, रिंटू, डॉ. पुष्पेंद्र, बलवंत साय, आरती मुंडा, अनीता एक्का, मानमती, विकास, रुपेश, अशोक सिंह, अभय कुमार सिंह, सुनील कुमार, अभिषेक, नरेंद्र पैकरा, गुरु घासीदास ,अचिन पैकरा, प्रदीप सिंह, लक्ष्मीनारायण, प्रेम प्रकाश, कामेश्वर सिंह, मयंक एक्का, गुलशन सिंह, रुद्र प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।