सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 16 अगस्त। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सरगुजा ने जिले भर में स्वाधीनता के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया। विद्यार्थी परिषद द्वारा जिले भर में विभिन्न सामाज वर्ग के माध्यम से चौक-चौराहों, पार्क, मंदिर व व्यवसायिक परिसरों में 156 स्थानों में ध्वजारोहण किया गया।
ग्राम सरगवां में अभाविप सरगुजा जिला के जिला संगठन मंत्री मनीष पुनाचा ने बताया कि इस भारत देश में देशभक्ति की कोई उम्र नहीं है मां की गोद में खेलते हुए बच्चों के मन में भी देशभक्ति की ऐसी तीव्र ज्वाला होती है कि बड़े से बड़े इमारत की नींव तक हिला सकती है, ऐसी ही इतिहास में कभी न भूलने वाली एक घटना है। ओडिशा प्रांत से लगभग 79 वर्ष पूर्व 11 अक्टूबर 1938 को फिरंगी सैनिकों ने ढेंकानाल जिले में उधम मचा रखा था, यहीं नीलकंठपुर नाम के गांव के एक लडक़े जिसकी उम्र मात्र 12 वर्ष थी, अंग्रेजों को नदी पार कराने से इंकार कर दिया क्योंकि उस बालक को अंग्रेजों की मंसा भली भांति ज्ञात थी,अंग्रेजी सैनिकों ने उस बालक की तुरन्त ही हत्या कर दी। यह बालक कोई औऱ नहीं बल्कि बाजी राउत थे, जिन्होंने एक जीता जागता उदाहरण दिखा दिया कि देशभक्ति की कोई उम्र सीमा नहीं होती , जब बाजी राउत देश के लिए शहिद हुए उनकी उम्र मात्र 12 वर्ष की थी। ऐसे ही अनगिनत बलिदानियों के कठोर परिश्रम का परिणाम है ये खुली हवा जिसमें हम आज स्वतंत्रता से सांस ले रहे हैं।