राजपथ - जनपथ
दंतेवाड़ा और बस्तर विधानसभा उपचुनाव संभवत: अक्टूबर में होंगे। विधायक भीमा मंडावी की हत्या के चलते दंतेवाड़ा सीट खाली हुई है, जबकि बस्तर सीट विधायक दीपक बैज के सांसद बनने की वजह से रिक्त हुई है। बस्तर से प्रत्याशी कौन होगा, यह दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस में अभी तय नहीं है, लेकिन दंतेवाड़ा से दोनों ही दल महिला प्रत्याशी उतार सकती हैं।
दंतेवाड़ा से भाजपा दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी को टिकट दे सकती है। पार्टी के बड़े नेताओं ने मंडावी के घर जाकर इस आशय के संकेत दे भी दिए हैं। जबकि कांग्रेस दिवंगत पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेन्द्र कर्मा की पत्नी पूर्व विधायक देवती कर्मा को फिर चुनाव मैदान में उतार सकती है। देवती कर्मा पिछली बार विधानसभा चुनाव में करीब साढ़े 7 सौ वोटों से चुनाव हार गई थी। इस हार के पीछे भी जिला प्रशासन की भूमिका अहम रही थी।
कर्मा परिवार हार के लिए तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार को अभी भी कोसता है। चर्चा है कि सौरभ कुमार ने कर्मा परिवार में फूट डलवाने की कोशिश की थी। देवती के बड़े बेटे छविन्द्र कर्मा बगावत कर चुनाव मैदान में उतर गए थे। बाद में उन्हें मैदान में हटने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा। तब तक काफी माहौल खराब हो चुका था। खैर, इस बार कर्मा परिवार एकजुट दिख रहा है और सीट पर कब्जा करने के लिए अभी से मेहनत करना शुरू कर दिया है।
यह बदला तो नहीं...
अकसर रमन सिंह, भूपेश बघेल सरकार पर बदलापुर की राजनीति का आरोप लगाते हैं, पर ऐसा नहीं है। यदि ऐसा होता तो रमन सिंह की सेवा में तैनात कर्मचारी हरि बहादुर को सरकार वापस बुला लेती। बहादुर पूर्व सीएम-परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं, और आवासीय आयुक्त कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। वे पिछले 15 साल से रमन सिंह का ख्याल रख रहे हैं। रमन सिंह, सीएम पद से हट गए, लेकिन बहादुर उनके यहां अभी भी सेवाएं दे रहा है। सरकार ने भी उदारतापूर्वक उनकी सेवाएं जीएडी को सौंपने के आदेश दिए हैं, ताकि प्रतिनियुक्ति पर रमन सिंह के साथ रहने में कोई दिक्कत नहीं आए।
([email protected])