सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 12 नवंबर। सारंगढ़ को सिविल जिला घोषित किए जाने की मांग को लेकर सारंगढ़ जिला अधिवक्ता संघ का एक प्रतिनिधि मंडल छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा से मिला।
संघ के अध्यक्ष विजय कुमार तिवारी के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में उपाध्यक्ष चंद्रशेखर जाटवर, सचिव कुलदीप राज पटेल, प्रवक्ता दीपक तिवारी, वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र नाथ नंदे, क्रीड़ा सचिव अश्वनी चंद्रा तथा अधिवक्ता भोगेंद्र मनहर शामिल थे।
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ क्षेत्र के पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्यों में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने शीघ्र समाधान हेतु न्यायालय से पहल करने का अनुरोध किया।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1 सितम्बर 2023 को सारंगढ़ को सारंगढ़-बिलाईगढ़ नाम से राजस्व जिला बनाया गया है। वर्तमान में सारंगढ़ में दो अतिरिक्त अपर सत्र न्यायालय, एक विशेष (पॉक्सो) न्यायालय, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-02 के न्यायालय संचालित हैं।
संघ ने बताया कि अविभाजित रायगढ़ जिले के 90 प्रतिशत एनडीपीएस प्रकरण सारंगढ़ व बिलाईगढ़ क्षेत्र से उत्पन्न होते हैं, लेकिन इनकी सुनवाई रायगढ़ में होने से पक्षकारों को 150 से 170 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। इससे समय, धन और श्रम का भारी नुकसान हो रहा है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सारंगढ़ मुख्यालय में न्यायालयों के लिए पर्याप्त भवन व शासकीय आवास पहले से उपलब्ध हैं। यह क्षेत्र अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग बहुल है, जहां जनता आर्थिक रूप से कमजोर है और उन्हें शीघ्र न्याय की आवश्यकता है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने प्रतिनिधि मंडल की बातों को गंभीरता से सुनते हुए मांगों पर सकारात्मक विचार करने और शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया। उन्होंने आवेदन को तत्काल रजिस्ट्रार, उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ को अग्रेषित करने के निर्देश दिए।


