सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़-बिलाईगढ़, 26 अक्टूबर। सारंगढ़-बिलाईगढ़ की विधायक उत्तरी जांगड़े ने अपने क्षेत्र के किसानों को हो रही धान पंजीयन, एग्रीस्टैक पंजीयन और गिरदावरी/भौतिक सत्यापन संबंधी परेशानियों को लेकर जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर तत्काल समाधान की मांग की है।
तीन माह से परेशान किसान
विधायक ने पत्र में उल्लेख किया है कि क्षेत्र के किसान विगत तीन माह से लगातार पटवारी, तहसीलदार कार्यालय, भू-अभिलेख शाखा और सीएससी केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं। तकनीकी खामियों और पोर्टल संबंधी दिक्कतों के कारण किसान पंजीयन नहीं कर पा रहे हैं, जिससे वे आगामी धान उपार्जन सत्र में बिक्री से वंचित हो सकते हैं। पत्र में विधायक जांगड़े ने चार प्रमुख समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है—एग्रीस्टेक पोर्टल की दिक्कतें- कई किसानों का पंजीयन या तो अप्रूव नहीं हो रहा या पंजीयन के बाद भी पोर्टल पर रकबा शून्य दिखा रहा है।
भौतिक सत्यापन अधूरा- अब तक केवल 50 प्रतिशत किसानों का गिरदावरी/भौतिक सत्यापन पूरा हुआ है। बाकी किसानों के रकबे पोर्टल से गायब हैं, जिससे मंडियों में धान बेचने में कठिनाई होगी।
भुईया पोर्टल पर गड़बड़ी- इस वर्ष हजारों किसानों का बी-1, पी-2 नक्शा और खसरा या तो पोर्टल से गायब है या गलत नाम से दिख रहा है। इससे किसानों को भ्रष्टाचार और दलाली का सामना करना पड़ रहा है। भविष्य के लिए समाधान का सुझाव-विधायक ने सुझाव दिया है कि बिना एग्रीस्टैक पंजीयन वाले किसानों का धान पंजीयन कैरी फॉरवर्ड किया जाए और आने वाले वर्षों में एग्रीस्टेक और भूईया पोर्टल को एकीकृत कर डेटा वेरिफिकेशन की व्यवस्था की जाए।
विधायक ने यह भी उल्लेख किया कि कई स्थानों से शिकायतें मिली हैं कि छोटे-छोटे कार्यों के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पैसों की मांग की जा रही है। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार की जड़* बताते हुए तत्काल लगाम लगाने की बात कही।
धरना प्रदर्शन की चेतावनी
पत्र के अंत में विधायक जांगड़े ने चेतावनी दी कि यदि किसानों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण नहीं किया गया, तो वे अपने किसानों के साथ विशाल धरना-प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने कहा कि किसानों के रकबे यदि इस वर्ष धान बिक्री से वंचित रह गए, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित विभागों की होगी।


