सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 29 सितंबर। माँ चंद्रहासिनी धाम, चंद्रपुर स्थित महानदी तट पर शनिवार की शाम गंगा आरती का अनुपम और अलौकिक आयोजन हुआ। तुलसी मानस समिति एवं माँ चंद्रहासिनी ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने श्रद्धा, भक्ति और संस्कृति की अद्वितीय मिसाल कायम की। दीपों से आलोकित तट पर वातावरण मंत्रोच्चार, भजन और श्रद्धा की ऊर्जा से परिपूर्ण रहा।
मुख्यमंत्री की पत्नी कौशल्या साय ने नदियों को प्रदूषण मुक्त करने और प्रदेश को स्वच्छ बनाने का संकल्प लेकर लोगों को प्रेरित किया है। साध्वी प्रज्ञा दीदी ने अपने उद्बोधन में पूरे भारत में चल रहे नदी आरती अभियान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि - नदियाँ केवल जलधारा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति और आस्था की जीवनरेखा हैं। उन्हें प्रदूषण मुक्त रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।
संयोगिता युद्धवीर सिंह जूदेव, जिपं अध्यक्ष संजय भूषण पांडेय, पूर्व विधायक सत्यानंद राठिया और संतोष उपाध्याय, मंडल अध्यक्ष जयबानी, अधिवक्ता दीपक तिवारी, व्यवस्थापक गोविंद अग्रवाल सहित सामाजिक, आध्यात्मिक हस्तियाँ मौजूद रहीं।
दीपों की पंक्तियों से प्रकाशित और मंत्रोच्चार की गूंज से अलंकृत आयोजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान रहा, बल्कि छग की आध्यात्मिक चेतना, सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता का भव्य संगम बन गया। श्रद्धालुओं ने माँ गंगा, माँ महा नदी और माँ चंद्रहासिनी से प्रदेश की सुख-शांति एवं समृद्धि की प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री की पत्नी कौशल्या साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान इसकी नदियाँ, इसकी संस्कृति और इसकी संस्कार है। हमें इन्हें स्वच्छ, सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त रखना है। उन्होंने लोगों से प्रदेश के विकास और सांस्कृतिक उत्थान के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया।


