सारंगढ़-बिलाईगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 24 अप्रैल। प्रदेशभर के पंचायत सचिव अपनी एक सूत्रीय शासकीयकरण की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। विगत 16 मार्च से उनका आंदोलन जारी है। आंदोलन को अब 39 दिन हो गए हैं, लेकिन सरकार ने जपं सचिवों को आज तक चर्चा, समस्या का समाधान करने के लिए नहीं बुलाया।
ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय के अलावा ब्लाक स्तर पर पंचायत सचिव हुंकार भर रहे हंै। नवरात्र व हनुमान जन्मोत्सव पर पंचायत सचिवों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए हवन यज्ञ किए। विरोध की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने मोटरसाइकिल रैली निकाली, मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। विधायको को भी मुख्यमंत्री तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए ज्ञापन दिया गया, किंतु अभी तक कोई सुनवाई नही हुई। अब क्रमिक हड़ताल की शुरुआत आज सारंगढ़ ब्लाक के 5 पंचायत सचिवों के द्वारा की गई है।
प्रशासन को दी गई सूचना के मुताबिक आज सचिव संघ ब्लाक इकाई सारंगढ़ के पंचायत सचिव अध्यक्ष सचिव संघ कामता अंबेडकर, लुकेश पटेल के साथ अन्य सचिव क्रमिक भूख हड़ताल की शुरुआत किए हंै। कामताका कहना है कि - मांग पूरी होने तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
वादा भूली सरकार
पंचायत सचिवों का कहना है कि दो साल की परीक्षावधि के बाद शासकीयकरण करने की बात कही गई थी, लेकिन सरकार वादा कर भूल गई है। अन्य कर्मचारियों को जो लाभ मिल रहे हैं पुरानी पेंशन, क्रमोन्नाति, ग्रेच्युटी वह सब उन्हें भी मिलना चाहिए। इसे लेकर कई बार ज्ञापन दिया। वार्ता हुई आश्वासन से आगे बात नहीं बढ़ी। प्रदेश मे 10 हजार से भी अधिक जपं सचिव अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ग्रामीण अंचल में शासन के समस्त योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम लोगों तक पहुंचे इसके लिए जिम्मेदारी पूरी कर हे हैं। इसके बाद भी शासकीयकरण का वादा अभी तक पूरा नहीं किया गया है। शासन प्रशासन को कई बार संगठन ज्ञापन सौंप चुका है। हमारी एक ही मांग है कि - दो वर्ष परीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण किया जाए।