सारंगढ़-बिलाईगढ़

आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में गड़बड़ी का आरोप, कलेक्टर-विधायक से शिकायत
01-Apr-2023 8:10 PM
आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में गड़बड़ी का आरोप, कलेक्टर-विधायक से शिकायत

सरसींवा क्षेत्र भटगांव परियोजना सेक्टर धोबनी का मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सारंगढ़, 1 अप्रैल। आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए एक आवेदिका ने कलेक्टर-विधायक से शिकायत की है।

मामला भटगांव परियोजना सेक्टर धोबनी का है। जहां पर आंगनबाड़ी सहायिका का पद रिक्त होने पर वर्ष 2021-22 में आंगनबाड़ी सहायिका पद के लिए आवेदन भटगांव, परियोजना द्वारा मंगाया गया था। जहां पर धोबनी ग्राम पंचायत से चार लोगों ने आवेदन किया था। क्रमश केकती पटेल पति गजानंद पटेल, सुभद्रा पात्र पति विक्रम पात्र, जया पति नकुल प्रसाद और उत्तरा गनेश राम ने आवेदन दिया था। पात्रता अनुसार ही नियुक्ति होनी थी, जबकि सुभद्रा पात्र का सबसे ज्यादा अंक है, फिर भी चयनकर्ताओं ने अपात्र को चयन कर डाला है। इसके चलते पीडि़ता ने आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में हुए गड़बड़ी की सच्चाई सामने लाई है। जहां प्रार्थिया सुभद्रा पात्र ने भ्रष्टाचार की शिकायत जिला कलेक्टर एवं क्षेत्रिय विधायक एवं संसदीय सचिव चंद्रदेव राय से की है।

प्रार्थिया सुभद्रा पात्र ने भटगांव परियोजना में आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पद पर अपात्र को पात्रता देकर नियुक्ति कर दिये जाने की लिखित शिकायत जिला कलेक्टर से की है। आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती वर्ष 2021-22 में आवेदन किया गया था। जहां पात्र की सूची में उनका नाम दूसरे नम्बर पर था। वहीं कुल अंक के अनुसार सभी अभ्यर्थियों में प्रथम होना चाहिए था, किंतु कुछ लोगों द्वारा षडयंत्र पूर्वक सांठगांठ कर भ्रष्टाचार कर सूचना पटल से उनका नाम फाडक़र हटा दिया गया, वहीं किसी दूसरे को नियुक्ति दे दी गई।

प्रार्थिया ने बताया कि उक्त सहायिका पद हेतु उनके पास कुछ लोगों ने आकर नियुक्ति हेतु पैसों की मांग की थी। जहां प्रार्थिया द्वारा पैसे देने हेतु असमर्थता एवं अपनी आर्थिक तंगी बताई गई। जिससे व्यक्ति विशेष लोगों द्वारा सांठगांठ कर भ्रष्टाचार कर पात्र होते हुए भी उनका नाम हटा कर पैसे लेकर अन्य को नियुक्ति दे दी गई है। प्रार्थिया ने जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के कलेक्टर एवं क्षेत्रीय विधायक से भर्ती में हुए भ्रष्टाचार और अपारदर्शिता पूर्वक नियुक्ति होने की शिकायत की है। यहां यह बात लोगों के गले से नहीं उतर रही कि कैसे कोई जारी लिस्ट को हटाकर बंदरबाट भी करवा सकता है। यदि प्रार्थिया की शिकायत सही पाई गई तो पूरा विभाग लपेटे में आ सकता है। लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी कर्मचारियों को इन दिनों अपनी नौकरी चले जाने तक का भय नहीं जो खुलेआम लेन देन कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हुए है। वहीं प्रार्थिया का कहना है कि यदि उक्त भर्ती में हुए गड़बड़ी का जांच कर यदि त्वरित निराकरण नहीं की गई तो आगे मुख्यमंत्री के पास जाएंगी और न्यायालय की शरण भी ले सकती है।


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