राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : असली माल नहीं दिखता...
17-Sep-2025 5:46 PM
राजपथ-जनपथ : असली माल नहीं दिखता...

असली माल नहीं दिखता...

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर बहुत से लोगों ने सडक़ों पर झाडू लगाते हुए अपने फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर डाले हैं। इन्हें देखकर कुछ लोगों ने आज ही सुबह इन्हीं शहरों में चारों तरफ बिखरीं गंदगी की खींची गईं तस्वीरें भेजीं, और लिखा कि सफाई करने की इतनी हसरत थी, तो सचमुच ही जहां गंदगी थी, वहां जाना था, और बिना कैमरे जाना था। सुबह से शाम हो जाती, तब भी गंदगी साफ नहीं हुई रहती, और झाडू से तो बिल्कुल ही नहीं हुई रहती। उसके लिए रांपा, घमेला, और ट्रक लगे होते। ऐसी जगहें हर शहर में दर्जनों हैं, लेकिन ‘वीडियो-सफाईकर्मियों’ को वे नहीं दिखतीं।

पुत्र में पिता की झलक

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिन पायलट मंगलवार को ओडिशा होते रायगढ़ में वोट चोर, गद्दी छोड़ कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचे, तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर मंच से ही पायलट ने पूर्व मंत्री उमेश पटेल की जमकर तारीफों के पुल बांधे।

उन्होंने कहा कि वो पिछले दो साल से उमेश पटेल के काम देख रहे हैं। उनमें मुझे दिवंगत नंदकुमार पटेल की झलक दिखाई दे रही है। सचिन पायलट की टिप्पणी पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उमेश पटेल जिंदाबाद के नारे लगाए। पायलट ने कार्यकर्ताओं को शांत रहने का इशारा करते हुए आगे कहा कि जब तक सोना तपता नहीं है तब तक खरा नहीं बनता है।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आपने, और इलाके के लोगों ने उतार-चढ़ाव के बाद भी इस मुकाम पर लेकर आए हैं, जो इनको (उमेश) और बाकी नेताओं को ताकत देंगे कि सभी आगे बढ़ सकें। उमेश ने हाथ जोडक़र कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार किया। इस मौके पर मंच पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज भी थे। सचिन पायलट की खुले मंच से उमेश पटेल की तारीफों को लेकर कांग्रेस में काफी हलचल है।

ऊँट पहाड़ के नीचे

रायपुर की कोतवाली थाने के समीप भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) पवन साय की खड़ी इनोवा कार में किसी ने गमला फेंककर क्षतिग्रस्त कर दिया। पवन साय अपने दांत का इलाज कराने डेंटल क्लीनिक गए हुए थे। साय की गाड़ी को क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिलने पर पुलिस तुरंत हरकत में आई, और प्रकरण दर्ज कर लिया। इस मामले में एक पुलिसकर्मी  सस्पेंड भी कर दिया गया है।

पुलिस महकमा कार में तोडफ़ोड़ की घटना की जांच में जुटी, तो कई चौकाने वाली जानकारी सामने आई। बताते हैं कि कार एक पुलिसकर्मी के घर के सामने खड़ी थी। पुलिस कर्मी, और उसके परिवार के लोगों को इस बात की आपत्ति रही है कि उनके घर के बाहर गाड़ी पार्क कर दी जाती है। इससे पहले भी कई गाड़ी पर पत्थर फेंका जा चुका है।

थाने में पहले भी शिकायत हुई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वजह यह है कि  पुलिसकर्मी ही खुद घटना में शामिल रहा है। अब जब भाजपा के ताकतवर नेता की गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई है, तो न सिर्फ पुलिसकर्मी पर कार्रवाई हो रही है बल्कि  कुछ और अफसरों पर भी गाज गिर सकती है। देखना है आगे क्या होता है।

राखी की मौत के बाद सफीर की इंसानियत

तिरुवनंतपुरम के एक पंचायत वार्ड सदस्य टी. सफीर ने मानवता की ऐसी मिसाल पेश की है, जो धर्म और जाति की सीमाओं को लांघकर इंसानियत की ताकत से पहचान कराती है। घटना का संबंध छत्तीसगढ़ से है।

44 साल की राखी नाम की एक महिला छत्तीसगढ़ की मूल निवासी थी। वह मानसिक रूप से बीमार थी। वहां एक चैरिटेबल अस्पताल में इलाज होने के बाद तिरुवनंतपुरम जिले के ही मीनामकुलम के बेनेडिक्ट मेनी नाम की एक संस्था द्वारा चलाए जाने वाले पुनर्वास केंद्र में रह रही थी। वहां पता चला कि उसे स्तन और यकृत का कैंसर है, वह चौथे स्टेज का। बीते 12 सितंबर को राखी की तबीयत बिगड़ गई और उसे पुथेनथोप नाम के गांव में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। डॉक्टरों ने कुछ ही देर बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

मौत से पहले राखी ने अपनी अंतिम इच्छा जताई थी कि उसका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से किया जाए। पता नहीं, वह छत्तीसगढ़ से केरल इलाज के लिए कैसे पहुंची थी, वहां उसका कोई अपना नहीं था। पुनर्वास केंद्र में नियमित आने-जाने वाले गांव के पंच टी. सफीर को उसकी मौत और अंतिम इच्छा के बारे में पता चला। अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए सफीर ने न केवल उनके अंतिम संस्कार को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार पूरा कराया, बल्कि उनकी अस्थियों को वर्कला के पापनासम समुद्र तट पर ले जाकर विसर्जित किया। सफीर के लिए पहला मौका नहीं था; वे पहले भी तीन अन्य लोगों के अंतिम संस्कार हिंदू परंपराओं के अनुसार करा चुके हैं। सफीर स्वयं इस्लाम को मानते हैं। वे कहते हैं कि परित्यक्त और असहाय लोगों के लिए थोड़ा आगे बढक़र वे अपने बच्चों को दया और करुणा के मूल्यों से परिचित कराते हैं। वे चाहते हैं कि मानवता की शिक्षा अगली पीढ़ी तक पहुंचनी चाहिए।


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