राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : पुलिस भर्ती, गिरफ्तारियों के बाद सावधानी
02-Apr-2025 4:35 PM
 राजपथ-जनपथ : पुलिस भर्ती, गिरफ्तारियों के बाद सावधानी

पुलिस भर्ती, गिरफ्तारियों के बाद सावधानी 

राजनांदगांव में पुलिस भर्ती गड़बड़ी का मामला तूल नहीं पकड़ पाया। इसकी बड़ी वजह यह थी कि भर्ती में गड़बड़ी की भनक लगते ही आईजी ने आनन-फानन में जांच बिठा दी, और फिर पूरी प्रक्रिया स्थगित कर दी। गड़बड़ी की पुष्टि होने पर पुलिस कर्मियों समेत 16 लोग जेल में हैं। भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई, तो स्थान बदलकर राजनांदगांव की जगह खैरागढ़ किया गया।

करीब चार सौ आरक्षकों की भर्ती होनी है, और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता दिख रही है। खुद एसपी त्रिलोक बंसल सुबह 6 बजे से शारीरिक नाप जोख स्थल पहुंच जा रहे हैं, और आधा दर्जन से अधिक राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर डटे हुए हैं। पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग चल रही है। शासन-प्रशासन ने भर्ती में गड़बड़ी के मामले में थोड़ी-बहुत भी लापरवाही बरती होती, तो पीएससी-2023 जैसा हाल हो जाता।

पीएससी-2023 भर्ती परीक्षा में रिजल्ट जारी होनेे के बाद गड़बड़ी सामने आने लगी। मगर भूपेश सरकार ने ध्यान नहीं दिया, और पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के पक्ष में खुलकर सामने आ गई। यही नहीं, एक परीक्षा होने के बाद जांच कराना तो दूर, दूसरी परीक्षा भी आयोजित करने दिया। बाद में सरकार बदली, और सीबीआई की एंट्री हुई। सोनवानी सहित कई जेल में हैं, और काफी हद तक गड़बडिय़ों का खुलासा हो चुका है।

समय से पहले विदा करने कई सक्रिय

राज्य विद्युत नियामक आयोग में जल्द ही सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। नियुक्ति के लिए आवेदन बुलाए जा रहे हैं। आयोग में चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति पिछली सरकार ने की थी। हालांकि आयोग के चेयरमैन हेमंत वर्मा का कार्यकाल साल भर बाकी है, लेकिन इस पद पर भी अभी से नौकरशाहों की नजर है।

राज्य गठन के बाद रिटायर्ड सीएस एस.के.मिश्रा आयोग के चेयरमैन बने। इसके बाद विद्युत क्षेत्र के विशेषज्ञ मनोज डे को आयोग का चेयरमैन बनाया गया। मनोज डे के बाद पूर्व एसीएस डी.एस. मिश्रा चेयरमैन बने। मिश्रा के बाद निजी कंपनी में कार्यरत हेमंत वर्मा को चेयरमैन नियुक्त किया गया। आयोग के सदस्य तो तकनीकी विशेषज्ञ होंगे, लेकिन चेयरमैन पद पर रिटायर्ड नौकरशाह को बिठाया जा सकता है। यह पद काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बिजली की दरें तय करने का जिम्मा आयोग पर होता है। इस वजह से यहां के पदों के लिए तकनीकी विशेषज्ञ और नौकरशाह जुट गए हैं। पार्टी के लोग गणेश शंकर मिश्रा का नाम ले रहे हैं।  

([email protected])


अन्य पोस्ट