राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : लुभावनी रिश्वत की सुनामी
17-Feb-2025 4:44 PM
राजपथ-जनपथ :  लुभावनी रिश्वत की सुनामी

लुभावनी रिश्वत की सुनामी 

म्युनिसिपल के बाद पंचायत चुनाव चल रहा है। पंचायत चुनाव में मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए जो तौर तरीके आजमाए जा रहे हैं, वो चर्चा का विषय बना हुआ है। म्युनिसिपल के चुनाव दलीय आधार पर हुए थे, लेकिन पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहे हैं। ये अलग बात है कि जिला पंचायत सदस्य के लिए दोनों ही प्रमुख दल  भाजपा और कांग्रेस ने समर्थित प्रत्याशियों की सूची जारी की है।

न सिर्फ रायपुर शहर से सटे बल्कि दूर दराज के पंचायतों में त्यौहार जैसा माहौल देखने को मिल रहा है। प्रत्याशी, और उनके समर्थक बड़े पैमाने पर शराब बंटवा रहे हैं। साथ ही हरेक मतदाताओं को नगद नोट दिए जा रहे हैं। कई प्रत्याशियों ने तो चुनाव लडऩे के लिए लोन तक लिए हैं। ज्यादातर गांवों में मुर्गा, बकरा, भात का दौर चल रहा है। भखारा इलाके में तो दो गाड़ी साड़ी और गमछे पुलिस ने पकड़ लिए। ये सब ग्रामीणों को बांटने के लिए मंगाए गए थे।

बताते हैं कि ग्रामीण आवास, और अन्य योजनाओं के चलते पंचायतों तक बड़ी राशि पहुंचेगी, इन सबके चलते प्रत्याशियों में मतदाताओं को लुभाने की होड़ मची हुई है। हरेक मतदाता कई प्रत्याशियों से गिफ्ट-नगद ले रहे हैं, हालांकि यह जोखिम भरा भी है। मंदिर हसौद इलाके में तो पिछले पंचायत चुनाव में एक सरपंच प्रत्याशी ने गांव के लोगों को घरेलू उपयोग के सामान गिफ्ट किए थे, बावजूद इसके वो चुनाव हार गए। सरपंच प्रत्याशी दबंग थे, सो उन्होंने हरेक घर जाकर सामान वापस ले लिए। मामला पुलिस तक भी गया था। कुछ इसी तरह का विवाद इस बार भी देखने को मिल सकता है। फिलहाल तो पार्टी चल रही है।

तालाब सफाई मशीन क्यों नहीं?

महाकुंभ कवरेज के लिए प्रयागराज गए प्रदेश के वरिष्ठ फोटोग्राफर गोकुल सोनी ने गंगा सफाई को देख छत्तीसगढ़ में भी नदी तालाब सफाई के लिए साय सरकार और निगम को सुझाव दिया है। अपने फेसबुक पोस्ट में सोनी ने लिखा है कि यह गंगा की सफाई करने वाली मशीन है। श्रद्धालु गंगा नदी में फूल, नारियल और कई तरह की पूजन सामग्री डाल देते हैं जिसके कारण यहां गंदगी फैल जाती है। गहरे पानी में जाकर इसे निकालना बहुत कठिन होता है। इस यंत्र के द्वारा बड़ी आसानी से इन सामग्रियों को निकाला जा सकता है। रायपुर में तालाबों की स्थित काफी खराब है। हमें तालाबों को बचाना बहुत जरूरी भी है। कहते हैं कभी रायपुर में दौ सौ से ज्यादा तालाब थे जिसमें से कई पट गए। तालाब से जलकुंभी और अन्य गंदगी को निकालने ऐसी मशीन हमें खरीद लेना चाहिये। पिछले कुछ वर्षों में रायपुर के चौक चौराहों को सजाने करोड़ों रूपया खर्च किया गया है लेकिन स्थिति कैसी है सब जानते हैं। फिजूलखर्ची से उपयोगी चीजें खरीदना ज्यादा अच्छा होगा ऐसा मेरा मानना है।

अब तोहमतों का दौर 

म्युनिसिपलों में बड़ी हार के बाद कांग्रेस में सिर फुटव्वल चल रहा है। पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने तो हार के लिए प्रदेश के बड़े नेता पूर्व सीएम भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, डॉ. चरणदास महंत और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को जिम्मेदार ठहरा दिया है। भगत की तरह कई और नेता अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।

रायपुर की मेयर प्रत्याशी दीप्ति दुबे के पति पूर्व मेयर प्रमोद दुबे ने हार का ठिकरा पार्टी संगठन पर फोड़ा है। उन्होंने यह कह दिया कि संगठन की कमजोरी की वजह से हार का सामना करना पड़ा।

इस पर कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने किसी का जिक्र किए बिना सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने फेसबुक पर प्रमोद दुबे का जिक्र किए बिना लिखा कि 20 सालों तक निगम के सत्ता का सुख भोगने वाले, और अपने बूथ में हारने वाले कांग्रेस संगठन को कमजोर बता रहे हैं। यह बताना लाजमी है कि प्रमोद दुबे खुद लोकसभा का चुनाव लड़े थे, तो वे ब्राह्मण पारा के अपने बूथ से पिछड़ गए थे। विकास के पोस्ट की काफी चर्चा हो रही है।

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