राजपथ - जनपथ
लूट से नींद हराम
पिछले दिनों रामानुजगंज के ज्वेलरी शॉप में दिनदहाड़े लूट के प्रकरण पर पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। वैसे तो करीब 6 करोड़ के आभूषणों की लूट हुई थी लेकिन बिल सिर्फ 2 करोड़ 95 लाख के ही मिल पाए। यही वजह है कि पुलिस ने उतने ही आभूषणों की लूट का प्रकरण दर्ज किया है।
यह इलाका झारखंड से सटा हुआ है, और लुटेरे झारखंड की ओर भाग गए। बताते हैं कि लुटेरों में से एक को पकडऩे का सुनहरा मौका था लेकिन पुलिस उसकी घेराबंदी नहीं कर पाई। अब ताजा जानकारी यह है कि पुलिस ने लूट के आरोपियों का पता लगा लिया है। ये सभी झारखंड के डाल्टनगंज के पास के रहने वाले हैं। इनमें से दो मोस्टवांटेड हैं जिन पर रांची पुलिस ने पहले ही ईनाम घोषित कर रखा है।
दूसरी तरफ, लूट की घटना को लेकर प्रदेश के ज्वेलरी कारोबारियों में गुस्सा है। यह सब बीच बाजार में हुआ, और आसपास सैकड़ों लोग मौजूद थे। इससे कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए हैं। पूर्व डिप्टी सीएम टी.एस.सिंहदेव ने इस मामले पर राज्य सरकार को घेरा है। यह सरकार के ताकतवर मंत्री रामविचार नेताम का विधानसभा क्षेत्र है, लिहाजा नेताम घटना को लेकर रोजाना अपडेट ले रहे हैं। मगर जब तक लुटेरे, और आभूषण बरामद नहीं हो जाते, तब तक पुलिस की नींद हराम रहेगी।
संगठन का महत्व
सरकार के नए मंत्रियों पर भले ही उंगलियां उठ रही हैं, लेकिन संगठन से उन्हें कोई शिकायत नहीं है। पहले तीन मंत्री टंकराम वर्मा, श्याम बिहारी जायसवाल, और लक्ष्मी राजवाड़े को लेकर काफी कुछ कहा गया। इन सबके हटने-हटाने की चर्चा चलती रही, लेकिन फिलहाल इसकी संभावना नहीं है।
सुनते हैं कि तीनों मंत्री संगठन की सिफारिशों को प्राथमिकता से करने की कोशिश करते हैं। यही वजह है कि संगठन के प्रमुख पदाधिकारी उनसे संतुष्ट हैं। दोनों डिप्टी सीएम को छोडक़र श्याम बिहारी जायसवाल को रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव का प्रभारी बनाया गया है। ये अलग बात है कि जायसवाल का रायपुर दक्षिण इलाके से सीधे कोई नाता नहीं रहा है। मगर उनको लेकर यह कहा जाता है कि वो संगठन को लेकर गंभीर रहते हैं। जायसवाल, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल को पूरे विश्वास में लेकर काम कर रहे हैं। जिससे संगठन के नेता भी संतुष्ट हैं। इसी तरह लक्ष्मी राजवाड़े को लेकर कहा जाता है कि उनसे किसी को शिकायत नहीं है, बल्कि उनके आसपास के लोगों से ही नाराजगी है।
कुछ इसी तरह टंकराम वर्मा पर भले ही ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर आरोप लग रहे हैं, लेकिन संगठन से आए नामों को उन्होंने पूरा महत्व दिया है। टंकराम वर्मा पर छत्तीसगढ़ी कार्यक्रमों की जिम्मेदारी है जिसे वे बेहतर ढंग से निभा रहे हैं। पार्टी के रणनीतिकार संतुष्ट हैं, तो किसी और की नाराजगी का क्या फर्क पड़ता है।
उद्दंडता रोकने पर निलंबन
दीपका थाना क्षेत्र के दो सहायक पुलिस निरीक्षकों को लगा होगा कि उन्होंने शायद कानून की किताब ज्यादा पढ़ ली। उतना ही हिस्सा पढऩा चाहिए जितना राजनैतिक, प्रशासनिक रसूख इजाजत देती है। हाल ही में दोनों को सस्पेंड कर दिया गया। दरअसल, दो युवक गणेश पंडाल के भीतर अपनी मोडिफाइड बाइक लेकर घुस गया और स्टंट दिखाने लगा। भीड़भाड़ इलाके में इस हरकत से लोग परेशान हुए। एएसआई खगेश राठौर, जितेश सिंह उन्हें पकडक़र थाने ले गए। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए उस पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। नागरिकों तो लगा कि इन उद्दण्ड युवाओं को सजा देकर पुलिस ने सही किया, परन्तु राजनीतिक दबाव ऐसा आया कि बेचारे पुलिसवाले ही सजा भुगत बैठे। हाल ही में मुख्यमंत्री ने कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में पुलिस को आदेश दिया था कि आम जनता के साथ अच्छा व्यवहार करें। मगर, उद्दंडता करने वालों को फूलों का हार पहनाने तो कहा नहीं गया है। अपराधों पर सख्ती से लगाम लगाने की बात भी कही गई है, मगर उसका पालन कितना हो रहा है, आजकल दिख ही रहा है।
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