राजनांदगांव

हिसाब-किताब में लाखों की धोखाधड़ी, फरार आरोपी बिलासपुर में पकड़ाया
13-Dec-2025 6:00 PM
हिसाब-किताब में लाखों की धोखाधड़ी, फरार आरोपी बिलासपुर में पकड़ाया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 दिसंबर।
शो-रूम के हिसाब-किताब में लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर सालभर से फरार होने वाले आरोपी को पुलिस ने बिलासपुर से हिरासत में लेकर गिरफ्तार किया। आरोपी पुलिस से बचने अलग-अलग प्रदेश में भाग रहा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।

मिली जानकारी के अनुसार प्रार्थी ने पुलिस में शिकायत रिपोर्ट दर्ज कराते बताया कि अनुपम नगर स्टेडियम के सामने क्लब फोक्स मेंस वियर का शो-रूम खोला है, जिसे चलाने सेल्समेन रोशन अहिरवार को मैनेजर के पद पर मासिक वेतन पर काम में रखा है। रोशन शो-रूम की खरीदी-बिक्री एवं स्टॉफ की संपूर्ण देखरेख व हिसाब-किताब करता है। पैसों के लेनदेन, बिक्री एवं जमा करने संबंधी संपूर्ण कार्य करता है, जो वाट्सअप  के माध्यम से प्रार्थी को दुकान की लेनदेन का हिसाब देता था।
क्लब फोक्स वियर कंपनी के अधिकृत कर्मचारी द्वारा राजनांदगांव शो- रूम का भौतिक सत्यापन करने पर रोशन अहिरवार द्वारा 60-70 हजार रुपए नगद, 200 नग मेंस वियर का सामान टी-शर्ट,  शर्ट, पैंट, टाउजर, बेल्ट, रूमाल व  मोजा कीमती करीब 4 लाख 50 हजार रुपए नहीं था, तब अपने एकाउंट एवं आडिट की जांच पड़ताल किया तो रोशन द्वारा 18 जुलाई 2024 के 16 हजार रुपए के जमा राशि पावती में छेड़छाड़ कर 33 हजार 300 रुपए तथा 6 अगस्त 2024 के जमा पावती स्कम 1597 रुपए के आगे 1 जोडक़र उसे 11597 रुपए बनाकर रकम जमा पावती रसीद की रकम को बढ़ाया है।

 रोशन इसके फ्रेंचाईजी क्लब फोक्स गेन्स वेयर राजनंादगांव दुकान में 18 हजार रुपए मासिक वेतन पर काम करते दुकान के सामान एवं बिक्री रकम लेकर भाग गया।  सेवा में रहते रकम, जमा पावती रसीद में हेराफेरी कर छलपूर्वक 5 लाख 50 हजार 318 रुपए का धोखाधड़ी किया है। रिपोर्ट पर थाना बसंतपुर में अपराध क्रमांक 431/24 धारा 318(4), 316(4) भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया।

बसंतपुर थाना प्रभारी निरीक्षक एमन साहू के नेतृत्व में सायबर सेल राजनांदगांव के मदद से फरार आरोपी रोशन अहिरवार की पूरी जानकारी के आधार पर आरोपी रोशन को बिलासपुर से हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ किया, जो अपना जुर्म करना स्वीकार किया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय से आरोपी का जेल वारंट प्राप्त होने पश्चात जेल दाखिल किया गया।


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