राजनांदगांव
कलेक्टर ने बनाई जांच कमेटी, घटिया निर्माण पाए जाने पर होगी कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 दिसंबर। शहर के बसंतपुर स्थित नवीन कृषि उपज मंडी के परिसर में डामरीकरण के घटिया निर्माण को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। पूर्व निर्मित सीसी रोड में डामर की परतें मात्र बिछाई जा रही है। ऐसे में मंडी प्रशासन सवालों के घेरे में है। इस मामले को लेकर कलेक्टर तक शिकायत पहुंची है। कलेक्टर जितेन्द्र यादव ने एक प्रशासनिक टीम का गठन कर डामरीकरण निर्माण जांच की रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने को कहा है।
बताया जा रहा है कि डामरीकरण निर्माण की क्वालिटी को लेकर मंडी के प्रशासनिक अधिकारियों ने बड़ा खेल किया है। ठेकेदार के साथ मिलकर मंडी प्रशासन ने गुपचुप तरीके से सीसी रोड में डामर की परतें बिछाकर खानापूर्ति करने की कोशिश की है, लेकिन जैसे ही यह मामला मीडिया की नजर में आया, तब पता चला कि डामरीकरण को लेकर मंडी के प्रशासनिक अधिकारियों ने स्तरहीन निर्माण कार्य किया है। बताया जा रहा है कि सीसी रोड पर डामरीकरण करने के लिए क्वालिटी के साथ समझौता किया गया।
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इस बीच कलेक्टर यादव ने एक डिप्टी कलेक्टर समेत अलग-अलग विभागों के तकनीकी अधिकारियों की एक टीम बनाकर जांच करने का निर्देश दिया है। बात साफ है कि कलेक्टर ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। कृषि उपज मंडी में डामरीकरण कार्य में ठेकेदार ने पूरी तरह से गुणवत्ता को दरकिनार किया है। सवाल उठ रहा है कि मंडी प्रशासन ने इस मामले में क्यों ठेकेदार के समक्ष आपत्ति दर्ज की। बताया जा रहा है कि डामर की पतली लेप लगाकर सिर्फ डामरीकरण करने खानापूर्ति की गई। बताया जा रहा है कि एक करोड़ 33 लाख की लागत से डामरीकरण का काम ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। मंडी प्रशासन ने ठेकेदार के भरोसे डामरीकरण को छोड़ दिया। जिसका ठेकेदार ने बखूबी फायदा उठाया है। कलेक्टर द्वारा एक डिप्टी कलेक्टर, पीडब्ल्यूडी और आरईएस के तकनीकी अधिकारियों की एक टीम को डामरीकरण निर्माण की जांच करने के निर्देश दिए हैं। यह टीम जांच करने के बाद जल्द ही कलेक्टर को रिपोर्ट देगी। यह भी जानकारी मिली है कि दुर्ग संभाग में मंडी से टेंडर और डामरीकरण की मॉनिटरिंग की जा रही है। बहरहाल मंडी प्रशासन ने नियमों को ताक में रखने वाले ठेकेदार पर मेहरबानी दिखाई है। कलेक्टर द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट पर अगली कार्रवाई होगी


