राजनांदगांव

परिजनों ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन, आंदोलन की दी चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 मई। धमतरी जिले के अर्जुनी थाना में पुलिस अभिरक्षा में दुर्गेन्द्र कठौलिया की मौत के मामले को लेकर परिजनों ने 15 दिन के भीतर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जांच कर दोषियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की, अन्यथा जनआंदोलन की चेतावनी दी।
मृतक की पत्नी दुर्गा कठौलिया, पिता लक्ष्मण कठौलिया और माता सुशीला कठौलिया ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि दुर्गेन्द्र कठौलिया राजनांदगांव के भंवरमरा का निवासी था, जिसे धमतरी जिले के अर्जुनी थाना प्रभारी द्वारा भिलाई में स्थित डी-मार्ट से 29 मार्च को शाम लगभग 5 बजे अभिरक्षा में उसकी पत्नी व उनके नाबालिग बच्चों की उपस्थिति में लिया जाकर अर्जुनी थाना उसके कार सहित जबर्दस्ती ले जाया गया। उसकी पत्नी द्वारा विरोध करने पर उसे भी गिरफ्तार करने की धमकी दी, जाकर अभद्र व्यवहार कर गाली-गलौज कर उसको गिरफ्तार कर पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने के नाम पर ले गए।
दूसरे दिन 30 मार्च को मृतक दुर्गेन्द्र कठौलिया के माता-पिता व पत्नी व उसके अधिवक्ता पतासाजी करते धमतरी में रूद्री थाना, कोतवाली थाना के अलावा अर्जुनी थाना गए, तब पता चला कि अर्जुनी में थाना प्रभारी द्वारा दुर्गेन्द्र को पूछताछ के लिए लाया गया है।
पुलिस अभिरक्षा में मुलाकात करने के बाद वे सभी वापस ग्राम भंवरमरा आ गए। जैसे ही दुर्गेन्द्र के माता-पिता व पत्नी वापस गांव पहुंचे, वैसे ही थाना प्रभारी अपने पुलिस अधिकारियों तथा कृषकों के साथ मृतक को साथ लेकर रात्रि लगभग भंवरमरा पहुंचे और बगैर कोई महिला आरक्षक व सर्च वारंटी के घर में घुसकर महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार व गाली-गलौज करते मृतक के माता-पिता व उसकी पत्नी को गिरफ्तार करने की धमकी देते उनके ही सामने दुर्गेन्द्र के साथ लोहे का सांकल से मारपीट करने लगे। साथ ही घर के समस्त आवश्यक दस्तावेजों को बगैर बताए, लाईसेंसी रिवाल्वर व उसके 3 जिंदा कारतूस को साथ लेकर चले गए।
दूसरे दिन सुबह दुर्गेन्द्र को बगैर गिरफ्तारी सूचना परिवार वालों को दिए 31 मार्च को न्यायालय में प्रस्तुत कर 4 अप्रैल तक के लिए रिमांड लिया गया। जब न्यायालय में मृतक दुर्गेन्द्र को प्रस्तुत किया तब उसका फर्जी डॉक्टरी मुलाहिजा रिपोर्ट प्रस्तुत कर पुलिस ने रिमांड प्राप्त किया था। रिमांड में 31 मार्च को मृतक दुर्गेन्द्र को लेने के बाद उसी दिन शाम को पूछताछ के नाम पर उसे प्रताडि़त व मारपीट किया कि 31 मार्च को उसकी पुलिस अभिरक्षा में मृत्यु हो गई। मृत्यु उपरांत उसे लगभग 8 बजे जिला चिकित्सालय धमतरी ले जाया गया, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मृत्यु की जानकारी पुलिस द्वारा मृतक के परिजनों को एक अप्रैल को सुबह लगभग 7 बजे दी गई। सूचना देने गए पुलिस द्वारा मृतक की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर उसके माता-पिता व पत्नी को अपने साथ धमतरी ले जाने का प्रयास किया गया, वे लोग नहीं गए, तब कुछ देर बाद मर्ग सूचना की जानकारी देते उक्त दस्तावेज पर बेवजह पुलिसिया दबाव बनाकर हस्ताक्षर लिया गया, तब पता चला कि मृतक दुर्गेन्द्र की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई। शाम लगभग 5 बजे मृतक का पोस्टमार्टम न्यायिक जांच अधिकारी की उपस्थिति में किया गया। तत्पश्चात शव को मृतक के परिजनों को सौंपा गया। दूसरे दिन 2 अप्रैल को दाह संस्कार गृह ग्राम भंवरमरा में किया गया।
उन्होंने मांग करते कहा कि इस आवेदन पर 15 दिवस के भीतर आवश्यक जांच को पूरी करते थाना प्रभारी शन्नी दुबे के विरूद्ध हत्या का मामला पंजीबद्ध करते पीडि़त परिवार के सदस्यों को अंतरिम सहायता के तौर पर मुआवजा की राशि 10 करोड़ रुपए प्रदान किया जाए अन्यथा समयावधि 15 दिवस पश्चात मृतक के परिजन क्रमिक भूख हड़ताल आमरण-अनशन व आत्मदाह करने विवश व लाचार होंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की होगी।