राजनांदगांव

30 को अक्षय तृतीया से शुरू होगा सात फेरों का दौर
28-Apr-2025 2:39 PM
30 को अक्षय तृतीया से शुरू होगा सात फेरों का दौर

बाजार में बढ़ी चहल-पहल

छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 अप्रैल।
अक्षय तृतीया पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस पर्व से जहां सात फेरों का दौर शुरू होगा। वहीं कारोबार की आस में बैठे व्यापारियों को भी ग्राहकों का इंतजार रहेगा। 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर्व में कारोबार जगत को बेहतर कमाई की उम्मीद है। खासतौर पर जौहरियों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार है। अक्षय तृतीया में शहर के बड़े सोने-चंादी के प्रतिष्ठान ग्राहकों पर टकटकी लगाए हुए हैं। 

अक्षय तृतीया से मांगलिक कार्यों का सिलसिला शुरू होता है। वैवाहिक सीजन में सराफा बाजार का रूख होने से कारोबारियों को व्यवसाय में पंख लगने की उम्मीद है। इधर पर्व को लेकर बाजार की गति तेज हो रही है। कपड़ा कारोबार को भी पर्व के चलते लाभ मिलता दिख रहा है। वहीं मिट्टी से बने परंपरागत गुड्डे-गुडिय़ों का बाजार भी सज गया है। बच्चों के लिए यह पर्व खेल के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार घरों में गुड्डे-गुडिय़ों का विवाह भी कराया जाता है। इस बीच अक्षय तृतीया के पर्व पर वैवाहिक कार्यक्रम कराने को काफी शुभ माना जाता है। इस साल पर्व की तिथि अनुसार विवाह कार्य होने को ज्योतिषियों ने शुभ बताया है। लिहाजा कई घरों में शहनाई की गूंज भी इस दिन सुनाई देगी।

 

बच्चों में दिख रहा उत्साह
अक्षय तृतीया पर्व पर गुड्डे-गुडिय़ों की शादी रचाने  शहर समेत अंचल के बच्चों में उत्साह भी दिखाई दे रहा है। बच्चे मिट्टी से बने गुड्डे-गुडिय़ों की खरीदी करने के लिए बाजार क्षेत्र में भी पहुंच रहे हैं। मिट्टी से बने गुड्डे-गुडिय़ों की दुकानें बाजार क्षेत्र में सज चुकी है, जहां बच्चों समेत अन्य वर्ग के लोगों की भीड़ बनी हुई है। इधर बच्चे गुड्ड़े-गुडिय़ों की शादी रचाने तैयारी में जुटे हुए हैं।

जन्मोत्सव को लेकर तैयारी
अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। उनके जन्मोत्सव के अवसर पर घर-घर एवं सामूहिक रूप से भी विविध धार्मिक और सामाजिक आयोजन को लेकर व्यापक तैयारियों की जा रही है। इस दिन बड़ी संख्या में लोग परंपरानुसार सामाजिक आयोजन भी करते हैं। लिहाजा पारंपरिक कार्यक्रम आयोजत किए जाने की भी तैयारी है। अक्ती पर शहर सहित ग्रामीण इलाकों में धार्मिक, सामाजिक एवं पारंपरिक कार्यक्रमों का भी सिलसिला बना रहेगा।

 


अन्य पोस्ट