राजनांदगांव

वास्तविक हितग्राहियों के हक के लिए आवाज उठाने पर चेयरमेन पद से हटाया गया - सुनीता
30-Dec-2022 3:37 PM
वास्तविक हितग्राहियों के हक के लिए आवाज उठाने पर चेयरमेन पद से हटाया गया - सुनीता

बाहरी एजेंसियों से कराई जाए योजनाओं की जांच

राजनांदगांव, 30 दिसंबर। नगर पालिक निगम राजनांदगांव की पूर्व चेयरमेन व वरिष्ठ कांग्रेसी पार्षद सुनीता अशोक फडऩवीस ने प्रधानमंत्री आवास को लेकर लखोली वार्ड की घटना पर दुख वक्त करते कहा कि पूर्व से ही निगम समस्त अवैध कब्जाधारियों पर जांच कर कार्रवाई करती तो इस तरह की घटना नहीं घटती।

उन्होंने कहा कि वह चेयरमेन का पद ग्रहण करने के पश्चात ही मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना एवं समस्त आवास को लेकर कमेटी गठित कर वास्तविक हितग्राहियों को हक दिलाने आवाज उठाती रही, क्योंकि जब वह पद ग्रहण किया, उस समय पूर्व काल के समय अवैध रूप से किए गए  घुसपैठियों पर कार्रवाई कर  वास्तिवक गरीब हितग्राहियों को उनका हक देकर निगम के चक्कर लगा रहे लोगों को परेशानी से बचाने  भरसक प्रयास किया, किन्तु निगम ने लापरवाही कर कोई कार्रवाई नहीं की।

श्रीमती फडऩवीस का कहना है कि सही समय पर उचित जांच होती तो  मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना व समस्त आवास योजना के अवैध रूप से घुसाए गए लोगों के नाम उजागर होते, जहां लेन-देन के मामले भी सामने आते। साथ ही शहर, जिले एवं प्रदेश के लोग अवैध रूप से कब्जा कर रह रहे है, उनके भी नाम सामने आते। कई बार मेरे द्वारा पत्र व्यवहार किया गया। बैठकों में भी जनहित के मुद्दे व प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की भावना व कांग्रेस हमेशा गरीबों के हित के लिए संघर्ष करती है उसी के तहत मैंने प्रमुखता से अपनी आवाज बुलंद की व समय-समय पर आवाज उठाती रही, किन्तु निगम ने कोई पहल नहीं किया, उल्टा मेरे द्वारा शिकायत की जांच न कर मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में वास्तविक हितग्राही को दरकिनार कर उलटा, जिसकी शिकायत की गई उसे ही दुकान आबंटन किया गया। जबकि घनश्याम वासनिक सार्वजनिक स्थान पर मुझे व मेरे परिवार को बदनाम किया गया, उसी वासनिक को निगम ने ईनाम स्वरूप मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की दुकान आबंटित की, मैं तो सदा जनहित में ईमानदारी से कार्य करते रहूंगा। जिसके कारण मुझे बाजार विभाग के चेयरमेंन पद से हटाया गया। पार्षद का कहना है कि अभी भी समय रहते निगम उचित जांच करें, ताकि भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक गरीब हितग्राहियों को मिले व लखोली जैसे घटना की पुरावृत्ति न हो सके।
 


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