राजनांदगांव

बेसमय चल रही ट्रेनों से नए साल के सैलानी यात्रा को लेकर पेशोपेश में
26-Dec-2022 12:32 PM
बेसमय चल रही ट्रेनों से नए साल के सैलानी यात्रा को लेकर पेशोपेश में

एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में मालगाड़ी हो रही पहले रवाना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 दिसंबर
। नए साल का जश्न मनाने के लिए ट्रेनों में सफर करने की तैयारी में बैठे  सैलानियों को बेसमय चल रही ट्रेनों ने मुश्किल में डाल दिया है। कई ट्रेनें घंटों देरी से चल रही है। नए साल में शहर से बड़ी तादाद में पर्यटक क्षेत्रों में जाने के लिए यात्रियों ने टिकटें बना ली है। पिछले कुछ दिनों से ज्यादातर एक्सप्रेस घंटों देरी से चल रही है। कुछ सैलानियों ने ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण टिकट भी रद्द करा दिया है। इसके पीछे सैलानियों का दीगर शहरों से फ्लाईट के लिए तय समय पर नहीं पहुंचने की वजह बताई जा रही है।

नए साल में रेल्वे को सैलानियों के जरिये बड़ा राजस्व मिलता है, लेकिन पिछले दो साल से कोरोना काल के दौरान मालगाडिय़ों को ज्यादा महत्व देने के कारण यात्री ट्रेने विलंब से चल रही है। आलम यह है कि लोकल ट्रेनों से लेकर एक्सप्रेस अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबा समय खींच रही है।

एक जानकारी के मुताबिक अप-डाउन की एक्सप्रेस ट्रेनों के तय समय पर पहुंचने को एक तरह से यात्री चमत्कार के तौर पर भी देख रहे हैं। कुछ महीनों में एक-दो मौकों में ही ट्रेनें निर्धारित वक्त पर प्लेटफार्म पर पहुंची। दो साल बाद कोरोना से राहत मिलने के बाद परिवार के साथ लोगों ने पहाड़ों का रूख किया है। जिसमें शिमला, हिमाचल और उत्तराखंड के पर्यटक स्थल में जाने के लिए महीनों पूर्व ट्रेनों को बुक किया। कुछ

सैलानियों ने नजदीक के हवाई अड्डों नागपुर, भोपाल से भी पर्यटन क्षेत्रों में पहुंचने के लिए बुकिंग की है। वहां तक पहुंचने के लिए पर्यटकों ने रेल मार्ग को चुना। ऐसे में यात्रियों की तय समय पर उक्त शहरों में नहीं पहुंचने को लेकर धकधकी बढ़ गई।

बताया जा रहा है कि ट्रेन में यात्रा करने का रिस्क लेने के बजाय लोगों ने सफर के दूसरे विकल्प के तौर पर विचार करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि पिछले दो-तीन दिनों से ट्रेनों के टिकट भी कैंसिल किए जा रहे हैं। यानी रेल्वे को आर्थिक चोंट भी पहुंचना शुरू हो गया है। उधर मालगाडिय़ों को दौड़ाने में रेल्वे प्रबंधन की ज्यादा रूचि है। एक्सप्रेस ट्रेनों के इंतजार में यात्री घंटों परिसर में बैठे नजर आ रहे हैं। यात्रियों की पीड़ा का परवाह छोड़ रेल्वे धड़ल्ले से मालगाडिय़ों के परिचालन में दिलचस्पी ले रहा है। एक्सप्रेस के सवारी रेल्वे के इस रवैये को लेकर हताश हैं। बहरहाल  नए साल में रेल के जरिये सफर करने वाले यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी से हलाकान हैं।


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