राजनांदगांव

सिंधी अकादमी में सदस्य बनाए गए पंजवानी की नियुक्ति का विरोध
01-Nov-2022 12:44 PM
सिंधी अकादमी में सदस्य बनाए गए पंजवानी की नियुक्ति का विरोध

मंडी सदस्य रहते दूसरे पद पर मनोनयन से नाराज जमीनी कांग्रेसी कार्यकर्ता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 नवंबर।
हाल ही में राज्य सिंधी अकादमी में सदस्य बने अशोक पंजवानी की नियुक्ति का कांग्रेस के भीतर विरोध हो रहा है। कांग्रेस का एक धड़ा राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किए गए पंजवानी को लेकर नाराज हो गया है। इसके पीछे पंजवानी का कुछ माह पहले मंडी सदस्य नियुक्त होना एक वजह है। यानी पार्टी के भीतर एक व्यक्ति को दो पद दिए जाने से सरकार के रणनीतिकारों के खिलाफ नाराजगी बढ़ी है। 

पिछले दिनों राज्य सरकार ने थोक के भाव में राजनीतिक नियुक्तियां की। राजनांदगांव के कई जमीनी कार्यकर्ताओं को पद से अलग रखा गया। जमीनी कार्यकर्ताओं को इस बात की टीस है कि सत्तारूढ़ सरकार ने उनकी अनदेखी की। भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने ही पिछले चुनाव में पार्टी को सत्तासीन करने के लिए ऐडी-चोटी का जोर लगाया। उन्हें उम्मीद थी कि ईनाम स्वरूप पद से नवाजेगी, लेकिन अशोक पंजवानी की नियुक्ति को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता मायूस हो गए हैं। उनके मन में एक व्यक्ति एक पद की अवधारणा को मूर्तरूप से क्रियान्वित करने में सरकार की रूचि नहीं है। जिसके चलते कई जमीनी नेताओं को अवसर से हाथ धोना पड़ा।

गौरतलब है कि अशोक पंजवानी कुछ महीने पहले  राजनांदगांव कृषि उपज मंडी के सदस्य मनोनीत किए गए थे। इसके बावजूद उन्हें सिंधी अकादमी में सरकार ने सदस्य नामित कर दिया। यही वजह है कि कांग्रेस का झंडा उठाने वाले कार्यकर्ताओं की भावनाएं सरकार के खिलाफ भडक़ रही है। पंजवानी पिछले कई महीनों से राजनीतिक रूप से गायब थे। वह एक गुट विशेष से वास्ता रखते हैं। यही कारण है कि गुटीय राजनीति के फेर में जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाना उचित नहीं समझा गया। बताया जा रहा है कि संगठन के भीतर उनकी नियुक्ति पर शीर्ष नेतृत्व से सवाल किए जा रहे हैं। मौजूदा राजनीतिक हालात में कांग्रेस के भीतर चेहरों को महत्व दिया जा रहा है। जबकि धरातल में संघर्ष कर रहे कार्यकर्ताओं को सिर्फ सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं।

 


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