राजनांदगांव
नक्सल इलाके की आवाजाही अटकी, निर्माण में देरी से वनांचल के बाशिंदे नाराज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 अक्टूबर। खैरागढ़ जिले के बकरकट्टा और साल्हेवारा के बीच बन रहे दो पुल निर्माण में हो रही देरी से वनांचल के बाशिंदों की आवाजाही परेशानियों से घिरी हुई है। कोरबा के बीबी वर्मा नामक ठेकेदार ने तय समय पर पुल निर्माण नहीं किया है।
साल्हेवारा और बकरकट्टा के रास्ते में दो पुल निर्माण होने से आवाजाही सुगम होगी। इसी के चलते अविभाजित राजनंादगांव प्रशासन ने पुल निर्माण का काम ठेकेदार को सौंपा था। लगातार दो साल से पुल निर्माण का काम 60 फीसदी पूरा नहीं हो पाया है। इसके पीछे ठेकेदार की लेटलतीफी को एक कारण माना जा रहा है। खैरागढ़ जिले के इस सुदूर इलाके में आमानाला और त्रिशुल नाला में क्रमश: 100 और 80 मीटर के दो बड़े पुल निर्माणाधीन है। साल्हेवारा से बकरकट्टा के दौरान बरसात के दौरान दोनों नालों के उफान से आवाजाही ठप्प हो जाती थी। इससे छुटकारा दिलाने के लिए प्रशासन ने दो बड़े पुल निर्माण की प्रशासकीय मंजूरी दी।
बताया जा रहा है कि नक्सल इलाके का हवाला देकर ठेकेदार निर्माण कार्य को मनमाफिक तरीके से कर रहा है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सडक़ योजना के अंतर्गत बन रहे मार्ग में इन दोनों पुल के निर्माण को लेकर अलग-अलग राशि स्वीकृत की गई है। 18 माह की समय अवधि काफी समय पूर्व समाप्त हो गई है। प्रशासन पर बारिश के मौसम के बाद पुल निर्माण को पूर्ण कराने का दबाव है, लेकिन ठेकेदार की सुस्ती ने प्रशासन के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
सुगम रास्तों की राह ताक रहे ग्रामीण
वनांचल साल्हेवारा-बकरकट्टा मार्ग के बाशिंदे सुगम आवाजाही के लिए तरस रहे हैं। ठेकेदार के रवैये को लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी है। इस संबंध में 'छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते गजेन्द्र कंवर और विक्रम पटेल ने बताया कि पुल निर्माण को लेकर ठेकेदार की रूचि नहीं है। जिसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। आपातकालीन और विपरीत मौसम में आवाजाही के लिए कठिन परिस्थितियां बन जाती है। ऐसे में लोग परेशान हो गए हैं। दोनों ग्रामीण युवक ने यह भी कहा कि दो साल पूर्व निर्माण शुरू हुआ था। आज पर्यन्त यह कार्य अधूरा है।


