राजनांदगांव

खैरागढ़ के अरचेगढ़ में पखवाड़ेभर पहले ईडी की टीम को देख भागा नक्सल समर्थक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 अक्टूबर। खैरागढ़ इलाके के अरचेगढ़ गांव में पखवाड़ेभर पहले ईडी की एक टीम ने धावा बोलकर एक नक्सल समर्थक के दुकान को सील कर दिया है। ईडी की टीम को देखकर नक्सल समर्थक वहां से रफूचक्कर हो गया।
अश्वनी वर्मा नामक युवक पर आत्मसमर्पित हार्डकोर नक्सली पहाड़ सिंह उर्फ कुमार साय से नोटबंदी के दौरान मिली राशि को बाजार में खपाने का आरोप है। उस पर पूर्व में राजनांदगांव पुलिस ने कार्रवाई भी की है। कुछ दिन जेल में रहने के बाद वह जमानत पर रिहा है। इस मामले की शिकायत ईडी तक हुई है। ईडी ने अश्वनी वर्मा को मिली राशि के स्रोत का पता लगाने पर जांच शुरू की है। इसी के चलते गुजरे दिनों अरचेगढ़ गांव में वर्मा के दुकान को सील कर दिया। बताया जा रहा है कि नोटबंदी से हड़बड़ाए पहाड़ सिंह ने अश्वनी वर्मा को हजार और पांच सौ के नोट दिए थे।
सूत्रों का कहना है कि वर्मा को समर्पित नक्सली ने लगभग 98 लाख रुपए दिए थे। इस राशि के जरिये वर्मा ने धान खरीदी से लेकर सोने-चांदी के जेवरात खरीदे। यह खबर खुफिया एजेंसियों के हाथ लग गई और उसे पुलिस ने धरदबोचा। पुलिस जांच में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई है कि नक्सलियों से मिली रकम को अश्वनी वर्मा ने बाजार में खपा दिया। जिसमें ट्रेक्टर के अलावा अन्य व्यापारिक सामानों पर रुपए को निवेश कर दिया। इधर ईडी की टीम ने अब दुकान चला रहे वर्मा पर शिकंजा कसा है। ईडी ने काफी जांच के बाद दुकान को सील किया है। ईडी के दस्ते को देखकर नक्सल समर्थक फरार हो गया। बताया जा रहा है कि ईडी आगे नक्सल समर्थक को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है।