राजनांदगांव

केंद्रीय मंत्री की बैठक में बंदरबाट शब्द सुनकर बिफरे कलेक्टर की सांसद प्रतिनिधि से नोकझोंक
11-Jun-2022 1:21 PM
केंद्रीय मंत्री की बैठक में बंदरबाट शब्द सुनकर बिफरे कलेक्टर की सांसद प्रतिनिधि से नोकझोंक

केंद्रीय मंत्री वर्मा के दखल के बाद मामला शांत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 जून।
केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री भानुप्रताप वर्मा की मौजूदगी में आयोजित बैठक में सांसद प्रतिनिधि के एक शब्द को लेकर कलेक्टर बिफर पड़े। कलेक्टर को यह बात गंवारा नहीं हुआ कि सांसद प्रतिनिधि ने शब्दों का इस्तमाल करने के लिए मर्यादा नहीं रखा।

दरअसल पूरा मामला यह है कि केंद्र सरकार की योजनाओं की जमीनी हकीकत को परखने के लिए सूक्ष्म, लघु, उद्यम राज्य मंत्री भानुप्रताप वर्मा ने शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में सांसद संतोष पांडेय और उनके प्रतिनिधि भरत वर्मा भी शामिल हुए। इस दौरान जल-जीवन मिशन के मामले को लेकर प्रतिनिधि वर्मा ने सीधे राशि का बंदरबाट होने को लेकर सवाल खड़े कर दिए। इस बात को सुनकर कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा भी जवाब देने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने मंत्री की मौजूदगी में बंदरबाट शब्द का इस्तमाल करने पर कड़ी आपत्ति की। कलेक्टर ने अपनी नाराजगी जाहिर करते शब्दों का उपयोग पर सावधानी बरतने की सांसद प्रतिनिधि को नसीहत दी।

भरी बैठक में शब्दों का मर्यादा नहीं रखने के मामले में कलेक्टर ने सांसद प्रतिनिधि को घेरा। दोनों के बीच बढ़ती बहस को देखकर केंद्रीय मंत्री वर्मा ने दखल दिया। सांसद प्रतिनिधि वर्मा ने पीएचई द्वारा कराए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता और उपयोगिता पर सवाल उठाए। इसी बात को लेकर कलेक्टर राशि के बंदरबाट होने की बात नाराज हो गए।

कलेक्टर सिन्हा ने मंत्री की मौजूदगी में पीएचई द्वारा किए जा रहे कार्यों में कोताही और भ्रष्टाचार नहीं होने का दावा किया। उन्होंने पीएचई के अधिकारियों का खुलकर बचाव किया। गौरतलब है कि सांसद प्रतिनिधि वर्मा का पीएचई के अफसरों से कुछ मामलों को लेकर अनबन चल रहा है। माना जा रहा है कि वर्मा ने राजनीतिक तौर पर मामले को मंत्री के सामने उठाने का प्रयास किया, लेकिन कलेक्टर ने सख्त रूख जाहिर कर योजनाओं पर उठ रहे सवाल को सिरे से खारिज कर दिया।


अन्य पोस्ट