राजनांदगांव

भाजपा का विदेशी राष्ट्रवाद-आफताब
06-Jun-2022 1:04 PM
भाजपा का विदेशी राष्ट्रवाद-आफताब

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 जून।
प्रदेश कांग्रेस सचिव आफताब आलम ने कहा कि हाल ही में भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा मुस्लिम समाज के पैगम्बर के लिए कही गई अशोभनीय बातों पर राष्ट्र के मुसलमानों के बीच जो आक्रोश एवं उत्पीडन फैला हुआ था, उसको लेकर सुनियोजित तरीके से मौन साध रखी थी, परन्तु जैसे ही विदेशी मुल्कों से केंद्र शासित भाजपा के इस रवैये का पता चला तो उन्होंने इसकी भत्र्सना की और प्रवक्ताओं पर कार्रवाई की।

ज्ञात हो कि अमेरिका, चीन के बाद सऊदी अरब भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझा वाला देश है। विशेषकर भाजपा के करीबी देश के दो प्रमुख उद्योगपतियों का व्यापार संधि भी वर्तमान में सउदी अरब से किया हुआ है। जिसके कारण भाजपा ने आनन-फानन में अपने प्रवक्ताओं को निलंबित कर दिया।

विचारणीय पहलू यह है कि एक वर्ग विशेष के देशवासियों के आक्रोश को नजर अंदाज कर जब विदेशी लोगों ने दबाव बनाया, तब प्रवक्ताओं पर कार्रवाई हुई। आखिर यह भाजपा का कैसा विदेशी राष्ट्रवाद है? ज्ञात हो कि  पड़ोसी मुल्क जिन्ना के मजार में जाकर तत्कालिन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण अड़वानी ने उन्हें राष्ट्रवाद का सबसे बड़ा द्योतक बताया था। देशवासियों के आक्रोश  एवं प्रताडऩा को नजर अंदाज कर विदेशियों की जिस ढंग से सुनवाई हो रही है, उससे कहीं न कहीं यह प्रतीत होता है कि देश के एक वर्ग विशेष की राष्ट्रीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाने का सुनियोजित ढंग से कार्य किया जा रहा है।

जहां तक बीजेपी सरकार की देश को विश्व गुरू बनाने की बात है तो आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के कारण भारत की छवि विदेशों में धूमिल हो रही है। जिसका तगड़ा असर भारत की अर्थव्यवस्था और दुनिया के हर कोने में रहने वाले करोड़ों अप्रवासी भारतीयों पर पड़ेगा, लेकिन भाजपा का लक्ष्य देश में लगातार हो रहे चुनाव को जीतना है, चाहे भारत की सामाजिक एकता में कितना भी प्रहार हो जाए तथा साम्प्रदायिक उग्रता को प्रसार से समाज का धु्रवीकरण कर देश सामाजिक रूप से विखंडित क्यों न हो जाए।

आठ साल के केंद्रीय भाजपा शासन में यह बात पूरी तरह और बारंबार साबित हो गई कि गवर्नेस के नाम पर महाशून्य है। श्री आलम ने कहा कि भाजपा विश्व की एक ऐसी मात्र पार्टी है, जो अपने देश के स्वतंत्रता संग्राम के एक स्थापित महानायक की हत्या का औचित्य ढूंढता है और उसे सही ठहराता है। हत्यारे का हत्या करने के दिन सम्मान करता है। मूर्ति और मंदिर बनाता है।


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