रायपुर

पुलिस भर्ती शारीरिक दक्षता में पहली बार शामिल हुए थर्ड जेंडर अभ्यर्थी
29-Jan-2021 6:57 PM
पुलिस भर्ती शारीरिक दक्षता में पहली  बार शामिल हुए थर्ड जेंडर अभ्यर्थी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 जनवरी।
पुलिस विभाग में जिला पुलिस बल भर्ती के तहत कोटा स्टेडियम में आयोजित शारीरिक दक्षता परीक्षा में शुक्रवार को थर्ड जेंडर समुदाय के 19 प्रतिभागी शामिल हुए। इन्होंने पुरुष प्रतिभागियों के साथ साथ दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, भाला फेंक जैसे परीक्षणों में बराबरी से हिस्सा लिया। शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल थर्ड जेंडर अभ्यर्थियों का कहना है कि वे पुलिस में भर्ती होकर थर्ड जेंडर के प्रति जहां समाज में व्याप्त हिकारत को दूर करना चाहते हैं वहीं आत्मनिर्भर होकर खुद के प्रति समाज के नजरिए को बदलना चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि खाकी वर्दी उनकी तकदीर बदल देगी और  समाज में वे सम्मान के हकदार होगें। 

गुढिय़ारी निवासी कोमल साहू ने बताया कि वर्ष 2017-18 में वह लिखित और फिजिकल दोनों ही परीक्षा दे चुके थे। बचपन  से खुद के प्रति हिकारत के कारण समाज के नजरिए को बदलने की धुन के कारण उन्होंने पुलिस भर्ती के लिए मिले मौके को चुनौती समझकर लिखित परीक्षा दी। फिलहाल नए सिरे से हो रही परीक्षा में वह शामिल हो रहे हैं। एम कॉम कर चुके कोमल कहते हैं पुलिस में भर्ती होकर मैं समाज की सोच को बदलना चाहता हूं साथ ही साथ खुद के समुदाय के लोगों को नई दिशा देना चाहता हूं। सरकार बदलने और नई प्रक्रिया के गुजरने के कारण लेट हो गया वरना अभी तक तो नौकरी करते हुए दो साल हो चुके होते। 

शारीरिक परीक्षा में शामिल कांकेर के  राकेश सोनी ने बताया कि  दो साल पहले फिजिकल टेस्ट  में सिर्फ दौड़ शामिल थी लेकिन इस बार दौड़ के अलावा ऊंची कूद,लंबी कूद,भाला फेंक जैसे इवेंट भी शामिल कर लिए गए हैं जिसके कारण चुनौतियां बढ़ गई हैं। घर परिवार से अलग गुरु के पास संतोषी नगर में रह रहे राकेश कहते हैं सरकार की ओर से थर्ड जेंडर को मिले मौके को मैं किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहता हूं।  हमारे समुदाय के प्रति हिकारत को मैं दूर करना चाहता हूं। अब तक हम लोगों की चौखटों तक सीमित रहे हैं लेकिन पुलिस वर्दी में हमारी मौजूदगी लोगों की सोच को बदलेगी। समाज की उपेक्षाओँ को झेलते हुए कुछ नया करने की चाह से हम उत्साहित हैं।

कोरबा के शंकर यादव कहते हैं थर्ड जेंडर के प्रति भेदभाव का हम हमेशा से ही शिकार रहे हैं। उम्मीद है कि खाकी वर्दी हमारी तकदीर बदल देगी। हमारा रुतबा बढ़ेगा और लोग हमारा भी सम्मान करेंगे। पुलिस में अगर हमारी भर्ती हो जाती है तो हम समाज की मुख्य धारा से जुड़ पाएंगें और घर परिवार के लोग भी हमें स्वीकार करेंगें।

 मितवा समिति अध्यक्ष विद्या राजपूत ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार,पुलिस विभाग, समाज कल्याण विभाग के समन्वय से तृतीय लिंग समुदाय को पुलिस विभाग में जिला पुलिस बल में भर्ती होने का अवसर दिया गया है। समुदाय के 19 प्रतिभागी पुलिस भर्ती के दौरान शारीरिक परीक्षा में शामिल हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं रक्षित निरीक्षक रायपुर की पहल पर पुलिस प्रशिक्षक सरिता यादव और लोकेश वर्मा ने तृतीय लिंग समुदाय के उम्मीदवारों को बकायदा शारीरिक परीक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया। विद्या कहती हैं मेरे समुदाय के लोग अगर पुलिस में भर्ती होते हैं तो यह मेरे लिए गर्व का विषय होगा। सरकार से मैंने मांग की है कि बिहार सरकार की तरह तृतीय समुदाय के लोगों को पुलिस भर्ती में आरक्षण दिया जाए।


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