रायपुर

बच्चों में धार्मिक जीवन की शुरुवात का प्रतीक है अभिषेक शांति धारा संस्कार
24-Jul-2025 8:35 PM
बच्चों में धार्मिक जीवन की शुरुवात का प्रतीक है अभिषेक शांति धारा संस्कार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 24 जुलाई। लाभांडी स्थित श्री 1008 पद्मप्रभ दिगम्बर जैन मंदिर में जारी चातुर्मास में अंतर्मति माता संसंघ शामिल  हो रहीं हैं। चातुर्मास में प्रत्येक दिन नियमित रूप से पूजन अभिषेक,धार्मिक क्रियाएं,संस्कार,प्रवचन, कक्षाएं आदि जारी है। गुरुवार को अजय जैन के पुत्र  मोक्ष ने आज 8 वर्ष पूर्ण पर अरिहंत भगवान का अभिषेक किया।

 विदित हो कि  जैन धर्म के अनुसार किसी भी बालक के 8 वर्ष पूर्ण होने में उसे श्री जी के अभिषेक शांति धारा की पात्रता मिलती है।  अपने प्रवचन में अंतर्मति  जी ने बच्चों में संस्कारों पर  बताया कि प्रवचन और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से बच्चों में नैतिक और धार्मिक संस्कार विकसित किए जा सकते हैं।

चातुर्मास, जो कि चार महीनों की अवधि है, धार्मिक गतिविधियों और आत्म-सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण समय माना जाता है। इस दौरान, प्रवचन, धार्मिक कथाएँ, और विभिन्न अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, जो बच्चों को धार्मिक और नैतिक मूल्यों को समझने और अपनाने में मदद करते हैं।


अन्य पोस्ट