रायपुर

पत्रकारों पर हमला करने वाले शातिर बाउंसर गिरोह का अनस खान गिरफ्तार
23-Jul-2025 6:40 PM
पत्रकारों पर हमला करने वाले शातिर बाउंसर गिरोह का अनस खान गिरफ्तार

पुलिस के लिए था फरार, लेकिन रोज आधी रात आता था घर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 23 जुलाई। पिछले माह आंबेडकर अस्पताल में कवरेज के लिए  गए  पत्रकारों और पिछले सप्ताह भावना नगर में तिवारी परिवार पर हमला करने वाले बाउंसर गैंग का एक शातिर आरोपी अनस खान गिरफतार किया गया है। 

दोनों की घटनाओं के बाद से फरार अनस को लेकर पुलिस को सूचना मिली थी वह यदा कदा आधी रात बाद परिजनों से मिलने घर आता है?।इस पर कल रात पुलिस ने अपने जवानों को सादी वर्दी में राजातालाब में तैनात कर रखा था। अनस करीब 2 बजे पहुंचा था और क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया। मो अनस खान पिता नासिर रजा, निवासी नूरानी मस्जिद के पीछे, राजा तालाब  को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

इस मामले में अब तक कुल 9 आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस के मुताबिक राकेश चंद्र तिवारी ने 8 जुलाई को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि 7 जुलाई की रात करीब 11 बजे, संजय चौधरी नामक व्यक्ति रोज की तरह उनके घर के सामने चौक पर कचरा और जूठन फेंक रहा था। मना करने पर आरोपी ने अश्लील गाली-गलौच शुरू कर दी।

विवाद की आवाज सुनकर उसका बेटा ऐश्वर्य तिवारी और उसके मित्र रचित माटे, शिवांग शुक्ला और गगन उर्फ गोकुल मौके पर पहुंचे। इस दौरान संजय चौधरी के पड़ोसी यासिन शेख उर्फ लाल सोनू, उसका भाई और भतीजा भी वहां आ गए। सभी ने मिलकर पहले गाली-गलौच फिर हाथापाई शुरू कर दी।

कुछ देर बाद, यासिन शेख और उसके 10-15 साथी राकेश तिवारी के घर में घुस आए और लाठी-डंडे, पाइप, चाकू और हाथ मुक्कों से हमला कर दिया। इस हमले में प्रार्थी पक्ष के कई लोगों को गंभीर चोटें आईं।पुलिस ने धारा 296, 351(3), 191(3), 333, 109, 324(4) बीएनएस  का अपराध दर्ज कर तलाश कर रही थी।

इस गैंग के साथियों ने दो दिन पहले ही एमजी रोड में कुछ ठेला कारोबारियों के साथ मारपीट की थी।वहीं इनका सरगना वसीम बाबू और कुछ अन्य साथी भी अस्पताल कांड के बाद से फरार चल रहे हैं। अनस की गिरफ्तारी के बाद उनकी धरपकड़ में आसानी होगी।

मेकाहारा को फटकार

 इससे पहले मंगलवार को  कोर्ट ने अंबेडकर अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाई है।आरोपियों ने पुलिस और शिकायतकर्ताओं के खिलाफ  लगाया आवेदन बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अस्पताल प्रबंधन को प्राइवेट गुंडे रखने पर फटकार भी लगाई।


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