रायपुर

लालपुर दूकान के लिए बंद राइस मिल में अवैध शराब की होती थी पैकिंग
09-Jul-2025 7:47 PM
लालपुर दूकान के लिए बंद राइस मिल में अवैध शराब की होती थी पैकिंग

गिरफ्तार सुपरवाइजर का खुलासा, गया जेल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 9 जुलाई। लालपुर शराब घोटाले में एक नया खुलासा हुआ है। इस सरकारी दुकान से अवैध रूप से बेचने बंद पड़ी एक  राइस मिल में अवैध बॉटलिंग प्लांट खोलकर नकली होलोग्राम लगाकर पैकिंग की जाती थी।दो दिन पहले गिरफ्तार सुपरवाइजर शेखर बंजारे उर्फ चैतदास बंजारे ने  ऐसे कई  कई गंभीर राज उगले हैं। उसने पूछताछ में बताया कि इस अवैध बॉटलिंग प्लांट में ठेका कंपनी बीआईएस के कई पदाधिकारियों के भी  नाम बताए है। बंजारे  ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि निलंबित एडीईओ इस दुकान से 50 हजार रुपए प्रतिमाह ले रहा था। सुपरवाइजर को आबकारी विभाग ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।और अब टिकरापारा थाना पुलिस आरोपी को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर गिरफ्तार करेगी। उसके खिलाफ टिकरापारा थाना में आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। विभागीय  सूत्रों ने बताया कि शेखर बंजारे ने पूछताछ में खुलासा किया कि दुकान में कभी ऑडिट नहीं किया जाता था। मिलावटी शराब का काम दुकान के पास बने कार्टून स्टॉक रूम में किया जाता था। इस दौरान सीसीटीवी कैमरे जानबूझकर बंद कर दिए जाते थे ताकि कोई सबूत न रहे।

आरोपी ने बताया कि पूरा स्टाफ मिलकर सस्ती शराब को महंगी बोतलों में भरकर बेचता था।यह धंधा सिंडीकेट स्टाइल में चल रहा था और इसमें ठेका कंपनी बीआईएस के सभी सीनियर पदाधिकारियों और सर्किल के आबकारी अधिकारियों तक ‘कट मनी’  पहुंचती थी इसलिए कोई कार्रवाई नहीं होती थी।आरोपी शेखर ने खुलासा किया है कि सर्किल के अधिकारी रोजाना 50 हजार रुपए नगद शराब भट्टी से ले जाते थे जिसकी वजह से भट्टी में 12 लाख रुपए से ज्यादा की रकम गायब मिली है। इसे विभाग ने  शार्ट एमाउंट बताया है।आरोपी ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया कि इस पूरे सिंडिकेट में ठेका कंपनी बीआईएस और आबकारी विभाग के कुछ अधिकारी ही नहीं इसमें विभाग की ट्रांसपोर्ट ठेका कंपनी भी शामिल थी।


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