रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 सितंबर। अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी धम्मलिपि पाली भाषा को छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रम में शामिल करने उच्च शिक्षा विभाग (उशिवि)को प्रस्ताव भेजा जाएगा। छत्तीसगढ़ में महारा, माहरा इस जाति को अजा में शामिल किया गया है, किन्तु जिन महार जाति के लोगों का भू-अभिलेख में माहरा लिखा है, उन्हें महार जाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है, इस हेतु जीएडी को पत्र लिखा जाएगा। अजा में उप वर्गीकरण पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय आरक्षण ढांचे और संवैधानिक सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है, इसे दृष्टिगत रखते सोसायटी ने कहा है कि वह आरक्षण में क्रीमी लेयर के पक्ष में नहीं है। इसके लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को भी पत्र भेजेगा । यह निर्णय डॉ. अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी प्रबंधकारिणी की बैठक में लिए गए । अध्यक्ष दिलीप वासनीकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति में अजा के हित संवर्धन हेतु उद्योग सचिव को आवश्यक सुझाव के साथ पत्र लिखा जाएगा। महादेव कावरे ने सोसायटी के लिए चिन्हांकित स्थान/भूमि का भू-आबंटन कार्यवाही की जानकारी दी। उपाध्यक्ष के. एन. काण्डे ने पूर्व में लिए गए निर्णय की प्रगति बताई। उपाध्यक्ष सुनील रामटेके ने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग शुरू करने तेजी लाने पर बल दिया। उपाध्यक्ष हेमराज कुटारे,संजय गजघाटे ने अनुसूचित वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार और उद्योग स्थापित करने की दिशा में शासन की योजनाओं की महत्वपूर्ण जानकारी दी।