रायपुर

आंदोलन होने पर ही नियमितीकरण का वादा याद आता है
16-Sep-2022 6:35 PM
आंदोलन होने पर ही नियमितीकरण का वादा याद आता है

मुख्यमंत्री के आदेश का अधिकारी गंभीरता से पालन नहीं कर रहे हैं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 16 सितंबर। जब-जब अनियमित कर्मचारी, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, आंदोलन करते हैं तब तब दिखावे के लिए कार्यरत कर्मचारियों की संख्या, उनकी योग्यता, विभाग आदि की जानकारी मंगाने सामान्य प्रशासन विभाग पत्र जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ लेता है।

 प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के संरक्षक विजय कुमार झा एवं वन विभागीय दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के महामंत्री रामकुमार सिंहा प्रांतीय अध्यक्ष कमल नारायण साहू ने कहा है कि जब जब सशक्त आंदोलन होता है तब समान्य प्रशासन विभाग अनियमित् एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के संबंध में विभागों से जानकारी मंगाने की औपचारिकता पूरी कर यह प्रदर्शित करता है, कि नियमितीकरण की कारवाई की जा रही है। यह अधिकारी भूल जाते हैं कि मुख्यमंत्री ने 10 दिन में नियमितीकरण करने का वादा किया था। अब नियमितीकरण के लिए आगामी चुनाव मात्र 1 वर्ष बाकी है, लेकिन खेद का विषय है कि राज्य सरकार के पास वास्तविकता आकड़े उपलब्ध नहीं हैं। कोई एक लाख अनियमित् कर्मचारी बोलता है, कोई डेढ़ लाख बोलता है। कोई एक लाख 80 हजार बताता है, और इसी कारण बजट में भारी बोझ पडऩे का बहाना बनाकर सरकार नियमितीकरण नहीं कर रही है। इससे स्पष्ट है अधिकारी स्वयं नहीं चाहते कि नियमितीकरण हो और  सरकार का मान बढ़ाएं। प्रदेश में 4 साल सरकार यह बताने की स्थिति में नहीं है कि कितने आने में अथवा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं आंदोलनकारियों की सभा को संबोधित करते हुए श्री विजय कुमार झा ने कहा कि प्रदेश में 45000 स्कूल सफाई कर्मचारी तथा 13000 रसोईया संघ के कर्मचारी क्रमश: संतोष खांडेकर और नीलू मोगरे के नेतृत्व में नियमितीकरण ना होने की स्थिति में अंशकालिक से पूर्णकालिक करने व कलेक्टर दर प्रदान करने की मांग कर रहे हैं इससे स्पष्ट है लगभग 60,000 की संख्या वैसे ही घट जावेगी। सरकार को सही मार्गदर्शन सही आंकड़े अधिकारी नहीं बता रहे हैं, इसीलिए नियमितीकरण में बड़ा बाधा उत्पन्न हो रहा है।


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