रायपुर

हर पौने पांच मिनट में एक पुरूष कर रहा आत्महत्या, 81063 विवाहित पुरूषों ने की आत्महत्या-बरखा
03-Sep-2022 6:19 PM
हर पौने पांच मिनट में एक पुरूष कर रहा आत्महत्या, 81063 विवाहित पुरूषों ने की आत्महत्या-बरखा

रायपुर, 3 सितंबर। देश में एक पुरुष आयोग का भी रजिस्ट्रेशन हुआ है। इसकी अध्यक्ष बरखा त्रेहन ने कहा कि भारत क्या पूरी दुनिया में ही यह धारणा है कि महिलाएं पीडि़त हैं और उन्हें पीड़ा और कोई नहीं देता बल्कि पुरुष देते हैं। यही कारण है कि पुरुषों के साथ होने वाले तमाम अत्याचारों को सहज मान लिया जाता है। हमारे पुरुष किस प्रकार की हिंसा का सामना कर रहे हैं क्योंकि नियम कानून, अदालत सभी महिलाओं के पक्ष में जाकर खड़े हो गए हैं। आज एक प्रेस कॉफ्रेंस में बरखा ने कहा इन मामलों पर मन की बात करते हैं वैवाहिक बलात्कार पुरुष आयोग, पुरुषों पर घरेलू हिंसा, मेन टू ( पुरुष भी इंसान हैं ) मर्द का दर्द । बरखा प्रेहन ने बताया कि पुरुष आयोग या फिर पुरुष मंत्रालय की आवश्यकता क्यों है। उन्होंने कहा कि स्त्री के प्रति सहानुभूति भरे दृष्टिकोण के कारण पूरे विश्व में पुरुषों को प्रताडक़ की दृष्टि से देखा जाने लगा है, जबकि वह स्वयं प्रताडऩा का शिकार है। एक शोध के अनुसार भारतीय महिलाए अपने पतियों पर शारीरिक हिंसा करने में विश्व में तीसरे स्थान पर है। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों के आकड़े दर्शाते हैं कि विवाहित महिलाओं की अपेक्षा विवाहित पुरुष तिगुना आत्महत्या करते हैं। वर्ष 2021 में 81063 विवाहित पुरुषों ने आत्महत्या की वही विवाहित महिलाओं की संख्या 28660 रही आत्महत्या के मुख्या कारणों में 33.2 फीसदी पारिवारिक, और स्वास्थ्य कारणों से भी 18.6 फीसदी लोगों ने आत्महत्या की जो दर्शाते है की सामाजिक एवम व्यक्तिगत कारणों से पुरुष आत्महत्या कर रहे हैं । सरकार इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय क्षति के प्रति पूर्णत: उदासीन है। आत्महत्या के मामलों में भारत प्रथम स्थान पर है और पूरे भारत वर्ष में हर 4.45 min में एक पुरुष आत्महत्या कर रहा है। वर्ष 2021 में छतीशगढ़ राज्य में 7828 लोगों ने आत्महत्या की है जिसमे 2203 महिलाएं और 5626 पुरुष है । पुरुष अधिकारों के प्रति उदासीनता बढ़ती हुई आत्महत्याओं का प्रमुख कारण है भारतीय कानून व्यवस्था में भी पुरुषों के अधिकार की अनदेखी की जा रही है। जहां महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 50 से अधिक कानून है वही पुरुषों के प्रताडित होने पर भी पुरुषों के प्रति कोई संवेदना नहीं रखी जाती।


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