रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 22 नवंबर। नाबालिग को शादी का झांसा देकर बिलासपुर भगा ले जाने के बाद किराये के मकान में मारपीट करते हुए शारीरिक संबंध बनाने के गांव छोडक़र चले जाने वाले आरोपी को अदालत ने 20 साल कठोर कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडि़ता के पिता ने बताया कि 14 मई 2024 की रात 11 बजे खाना कमरे में सोयी थी। अगले दिन सुबह 6 बजे जब वह सोकर उठा तो देखा कि उसकी पुत्री घर में नहीं थी और उसके कपड़े भी घर में नही थे। रिश्तेदारों में पतासाजी करने के बावजूद उसका कहीं पता नही चला। ऐसे में उसे संदेह हुआ कि कोई उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसला ले गया है। जिसके बाद उसने पूरे मामले की जानकारी जोबी चौकी में दी, जिस पर पुलिस ने धारा 363 के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की।
21 मई 2024 को पीडि़ता को बरामद किया गया। इस दौरान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा पूछताछ करने पर उसने बताया कि गांव में ही पड़ोस में रहने वाला लक्ष्मण दास महंत 23 साल, जो कि रिश्ते में चाचा लगता है, उसने एक साल पहले पसंद करता हूं और शादी करना चाहता हूं कहता था। पीडि़ता के द्वारा खुद को नाबालिग होने का हवाला देने के बावजूद वह जबरदस्ती बातचीत करता था।
इसी बीच 14 मई 2024 को लक्ष्मण दास उसे शादी करूंगा कहकर जबरदस्ती उसे अपनी मोटर सायकल में बिठाकर बिलासपुर ले गया। जहां लेबर कालोनी बिलासपुर में किराये में रखा और मारपीट करते हुए 20 मई तक उससे शारीरिक संबंध बनाया और फिर 21 मई 2024 को बिलासपुर से गांव लाकर उसे छोडक़र चला गया। पीडि़ता के बयान के पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 366, 376 (2) (एन) 323 पॉस्को एक्ट जोड़ते हुए लक्ष्मण दास महंत को गिरफ्तार करते हुए प्ररकण न्यायायल में प्रस्तुत किया गया।
इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एफटीएससी पास्को के विद्वान न्यायाधीश देवेन्द्र साहू ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए आरोपी को दोष सिद्ध पाया और आरोपी युवक लक्ष्मण दास महंत को 20 साल कठोर कारावास एवं 8 हजार के जुर्माने से दंडित किया है। अर्थदण्ड न पटाने पर 4 माह का अतिरिक्त कारावास भुगताने को कहा गया है। इस मामले में अपर लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।


