रायगढ़

जिंदल के कोयला खदान की जनसुनवाई के पहले विरोध शुरू
06-Oct-2025 9:42 PM
जिंदल के कोयला खदान की जनसुनवाई के पहले विरोध शुरू

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 6 अक्टूबर। रायगढ़ जिले की लैलूंगा विधानसभा में आने वाले तमनार ब्लाक के गारे पेलमा सेक्टर वन कोयला खदान जिंदल उद्योग को आबंटित होने के बाद उसके विरोध में 20 से अधिक गांव लोग एकजुट होकर सडक़ों पर उतर गए है और 14 अक्टूबर को होने वाली जन सुनवाई का विरोध करते हुए रायगढ़ पहुंचकर जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि इस कोयला खदान के आने से तमनार ब्लाक के 20 से अधिक गांव नक्शे से गायब हो जायेंगे और कई सालों से रहने वाले हजारों ग्रामीण बेघर हो जाएंगे।

तमनार ब्लॉक से आये हजारों की संख्या में ग्रामीणों के साथ महिलाएं भी शामिल थी जो रायगढ़ स्टेडियम के पास पहुंचकर दोपहर करीब एक बजे रैली की शक्ल में जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और नारे लगाते हुए मांग कर रहे थे कि जन सुनवाई रद्द करो, कोयला खदान बंद करो, ग्रामीणों पर अत्याचार सहन नही करेंगे जैसे नारे लगाते हुए वे सडक़ों पर उतरे, यहां यह बताना लाजमी होगा कि जो कोयला खदान जिंदल उद्योग को आबंटित हुई है वह तमनार ब्लाक के सेक्टर वन आबंटित हुई है। जिससे इस ब्लाक में आने वाले करीब 20 गांव प्रभावित हो रहे हैं और इन गांव के युवा, महिला व पुरूष पुरी एकजुटता के साथ दुरस्त अंचलों से पहुंचकर जिला मुख्यालय रायगढ़ पहुंचे और हाथों में बैनर पोस्टर लेकर इस कोयला खदान की जनसुनवाई रद्द करने की मांग करते हुए नारे लगाये।

तमनार ब्लाक में अडानी को आबंटित कोल ब्लाक के बाद जिंदल उद्योग की यह सबसे बड़ी कोयला खदान होगी और इसके खनन से तमनार का एक बड़ा हिस्सा नक्शे से ही गायब हो जाएगा। जन चेतना के संयोजक राजेश त्रिपाठी ने बताया कि तमनार ब्लाक इलाके में पहले से ही जिंदल, अडानी सहित कई बड़ी कंपनियों की कोयला खदाने चल रही है और नई कोयला खदान के प्रस्तावित होने से एक के बाद एक सैकड़ों गांव प्रभावित हो रहे हैं और आजादी के बाद से यहां रहने वाले आदिवासी, किसान, महिला व अन्य जाति के लोग बेघर होते चले जा रहे हैं।

इनका कहना था कि जिंदल घराने को आबंटित सेक्टर वन की कोयला खदान से बचे खुचे 20 से अधिक गांव बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं और इसकी जनसुनवाई आगामी 14 अक्टूबर को होनी है। जिसके कारण पहले से ही यहां विरोध की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी थी और अब जन आक्रोश बढ़ते चले जा रहा है।

जन चेतना के राजेश त्रिपाठी ने बताया कि इससे पहले भी 5 जनवरी 2008 को गारे में 4/6 कोयला खदान के लिये आयोजित जन सुनवाई में लाठी चार्ज होनें के बाद से इस इलाके के लोग भारी भयभीत हैं और इसलिये पहले से ही सडक़ों पर उतरकर वे अब कोयला खदान शुरू होने के विरोध में अड़ गए हैं। बहरहाल अब देखना यह है कि तमनार ब्लाक में एक के बाद एक शुरू हो रही कोयला खदानों से लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र से तमनार ब्लाक कहीं नक्शे से गायब न हो जाये। इसके संकेत एक के बाद एक शुरू हो रही कोयला खदान से उजड़ते गांव से पता चल रहा है।


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