रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 3 अप्रैल। पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार एसईसीएल बरौद के विस्थापित परिवारों द्वारा एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर का घेराव कर सीएमडी को अपनी एक सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौंपा गया और जनवरी 2024 को हुए समझौते के आधार पर विस्थापन लाभ दिलाए जाने की मांग की गई ।
विस्थापित परिवार द्वारा ज्ञापन में स्पष्ट कर दिया है कि यदि पूर्व समझौते के अनुसार 15 दिवस के अंदर मामले का निराकरण नहीं किया गया तो 16 अप्रैल से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
जिले के एसईसीएल रायगढ़ अंतर्गत बरौद कोल माइंस प्रभावितों को लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इन सबके बीच एक बार फिर से बरौद खदान के प्रभावितों द्वारा मोर्चा खोलते हुए एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर सीएमडी दफ्तर पहुंचे और अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर दफ्तर के सामने डट गए और ज्ञापन सौंपते हुए15 दिनों का अल्टीमेटम दे दिया।
ज्ञात हो कि 2023- 24 में इसी मांग को लेकर अनिश्चित कालीन आंदोलन के बाद एसईसीएल मुख्यालय रायगढ़ महाप्रबंधक की अध्यक्षता में जनवरी 2024 में एक दिपक्षीय बैठक हुई, जिसमें एसईसीएल के बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में विस्थापित परिवारों ग्रामीणों जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में समझौता हुआ था।
लेकिन इस समझौते के एक साल बीत जाने के बाद भी अब तक कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला, अपितु अब एसईसीएल के अधिकारी यह कहने लग गए कि सरायपाली के बूडबुड गांव की परियोजना के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा और बूडबुड परियोजना की फाइल अधिकारियों के पास लंबित है। यानि एसईसीएल मुख्यालय रायगढ़ के अध्यक्ष के नेतृत्व में हुई जनवरी 2024 के समझौते पर भी अमल नहीं किया जाएगा।
प्रभावित ग्रामीणों ने सीएमडी दफ्तर घेराव के बाद ज्ञापन देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि 15 जनवरी तक मामले का निराकरण नहीं किया जाता है तो 16 अप्रैल से उत्पादन डिस्पेच बंद कर कर दी जाएगी आर्थिक नाकेबंदी कर इसके बाद आर पार की लड़ाई आरंभ की जाएगी।