रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 6 मार्च। हेमसुंदर गुप्त शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महापल्ली के अधिष्ठाता रायगढ़ पूर्वांचल के पुरोधा साहित्यकार एवं कवि स्वर्गीय हेमसुंदर गुप्त जी की 110 वीं जयंती सादगी किन्तु गरिमामई वातावरण में स्कूल प्रांगड़ में मनाई गई।
हेमसुंदर गुप्त जी के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन गुप्त जी के नाती प्रमोद गुप्त और चचेरे भाई टेकचंद गुप्त पूर्व सरपंच , भतीजा दशरथ गुप्त ने किया तथा माल्यार्पण किया गया। संस्था के प्रभारी प्राचार्य महेंद्र कुमार गुप्ता , खेल प्रशिक्षक विजय चैहान तथा स्कूल स्टाफ व छात्र छात्राओं ने भी स्वर्गीय हेमसुंदर गुप्त जी को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। सभा को संबोधित करते हुए टेकचंद गुप्त ने कहा कि हेमसुंदर गुप्त बहु आयामी व्यक्तित्व के धनी थे। जिस तरह उन्होंने ग्रामवासियों के सहयोग से स्कूल खोला उसी का अनुसरण करते हुए महापल्ली में बटमूल महाविद्यालय भी संचालित हो रही है।
शाला विकास एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष टीकाराम प्रधान ने कहा कि वर्तमान समय में स्कूल खोलना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन आजादी के तुरंत बाद देश में साक्षरता दर 10 से 15 प्रतिशत रहा हो और ग्रामीण क्षेत्र में इने गिने ही शिक्षित हो तो ऐसे समय में प्राइवेट तौर पर स्कूल खोल कर अंचल के लोगों को पढ़ाना लिखना और स्कूल खोलने लोगो को मोटिवूट करना हेमसुंदर जैसे शिक्षाविद का काम ही हो सकता है। इस कार्यक्रम में हेमसुंदर गुप्त के परिजन रमेश कुमार गुप्त, शेष चरण गुप्त, बट मूल आश्रम महाविद्यालय शिक्षण समिति के अध्यक्ष नत्थुराम प्रधान ,आनंद राम प्रधान ,शाला प्रबंधन समिति से जीवन मेहर भीष्मदेव भोय सहित शिक्षा प्रेमी सज्जन उपस्थित थे।