रायगढ़

कोटवार ने सरकारी जमीन पर 90 प्लॉट काटकर बेच दिए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 9 जनवरी। भू-माफियाओं के चंगुल से अब तक कोई भी भूमि नहीं बच रही थीं, लेकिन गजब तो तब हो गया जब कोटवार भी इस फील्ड में उतर गए है और ताज्जुब की बात यह है कि इन पर भी जिला प्रशासन का राजस्व विभाग कोई भी कार्रवाई नहीं करता जबकि इसकी जाँच के लिए 16 जुलाई 2024 को चार सदस्यों की एक टीम भी गठित की गई थीं।
बांजीपाली के पूर्व कोटवार द्वारा संस्कार पब्लिक स्कूल मार्ग में शासकीय सेवा भूमि की अवैध तरीके से खरीद फरोख्त के मामले को लेकर राजस्व विभाग राजस्व विभाग बड़ी कार्रवाई करने के मूड में दिख रहा हैं। तहसीलदार द्वारा राजस्व निरीक्षकों की जांच टीम गठित कर दो दिनों में विस्तृत जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को आदेश जारी किया है, राजस्व विभाग से मिली जानकारी अनुसार शासकीय मद में दर्ज इस बेशकीमती जमीन की अवैधानिक रूप से खरीदी-बिक्री करने वालो पर सख्त कदम उठाए जाएंगे और सभी दोषियों पर एफ आई आर दर्ज कराया जाएगा तथा शासकीय भूमि से कब्जा मुक्त कर बेदखल करते हुए जुर्माना भी वसूला जाएगा।
बांजीपाली तहसील व जिला रायगढ़ स्थित भूमि खसरा नंबर 220, 221, 222 रकबा कमश: 0.761 हे., 0.097 हे., 0.295 हे. भूमि, जो कि शासकीय मद में दर्ज है। उक्त शासकीय सेवा भूमि को बांजीपाली के पूर्व कोटवार तुलसी चौहान के द्वारा क्रेतागण प्रहलाद अधिकारी, कमल पटेल व संजय सहित 05 अन्य लोगों को गलत तरीके से विक्रय करने के संबंध में बांजीपाली मोहल्ले के प्रेम कुमार पटेल, सुदर्शन पटेल, हेमसागर पटेल, रेशम पटेल, शिवप्रसाद पटेल, छबिलाल पटेल, गनपत पटेल, राम सिंग पटेल, पुरन्धर पटेल, कमल सिंह पटेल, मदन पटेल, फत्तें सिंह पटेल, जीवन लाल पटेल सभी निवासी ग्राम बाजीपाली द्वारा पूर्व में तहसीलदार के समक्ष शिकायत दर्ज कराया गया है। तथा शासकीय सेवा भूमि की अवैध खरीद बिक्री के मामला समाचारों में भी प्रकाशित हुआ है, जिसमें बाद राजस्व विभाग द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए 16 जुलाई 2024 को तहसील न्यायलाल रायगढ़ द्वारा चार सदस्यीय राजस्व निरीक्षकों की टीम गठित कर 18 जुलाई 2024 के पूर्व विस्तृत जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने आदेश जारी किये थे।
वहीं इस मामले में पुसौर तहसीलदार नेहा उपाध्याय ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है और न ही अब तक उनके समक्ष इस तरह की कोई शिकायत आई है। फिर भी मामले को संज्ञान में लेकर वे स्वयं इसकी जांच करेंगी।