रायगढ़

रायगढ़ पहुंची भाजपा नेत्री माधवीलता
21-Nov-2024 7:01 PM
रायगढ़ पहुंची भाजपा नेत्री माधवीलता

कहा-आदिवासियों को गले लगायें, मजाल किसी की हमारे आदिवासियों के पास आने की

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 21 नवम्बर।  जिला मुख्यालय में पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्या देवी होलकर त्रि-शताब्दी जन्मजयंती समारोह समिति और समर्पण सेवा समिति के मार्गदर्शन में आयोजित शक्ति स्वरूपा समागम के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची भाजपा नेता माधवीलता ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भारत की पुण्य भूमि में जन्म लेकर ही हमने सौभाग्य पाया है और रायगढ़ जिले में आकर आदिवासियों का क्षेत्र है जिनकी वजह से यहां कई नृत्य संगीत की कला शोभामान हुआ है। ऐसी जगह में आकर नन्हें बच्चों, महिलाओं वीर नालियों के साथ हमारा मेल मिलाप हुआ है।

महाराष्ट्र में वोट जिहाद की बात कही जा रही है यूपी में सपा के द्वारा बुर्का पहनकर वोट डालने की बात कही जा रही है इस प्रश्न पर माधवीलता ने कहा कि ये लोग संविधान को बचाने का जो नारा लगाते हैं। क्या मुंह ढककर वोट डालना संविधान में लिखा है। भाजपा से लडने का जो डर लग गया है उनको उस डर को जीतने के लिये संविधान को तोडऩे के लिये ये लोग तुले हुए हैं। लोगों को यह बात समझना चाहिए कि जो लोग संविधान को तोड सकते हैं वो लोग भारतवासियों को बिगाड सकते हैं तोड़ सकते हैं। बांग्लादेश में मौलाना के द्वारा जजिया कानून की बात कही जा रही है।

इस पर डॉ.माधवीलता ने कहा कि बांग्लादेश के अंदर जजिया कानून जो है वह हिंदू के प्रति दलावासक कानून है।

उसके बारे में राहुल क्यों छुपा बैठा है उससे पूछिये। प्रियंका, सोनिया या फिर उनके लोगों से पूछिये कि उनको इस बारे में बात करना भी नहीं है। उन्हें मुंह ढककर वोट डालकर संविधान तोडऩे में जो मजा आ रहा है तब तो घूंघड़ पहनना हमारे में भी प्रथा है, तो क्या हम भी घूंघड़ पहनकर निकल जायें, मुंह न दिखायें तो इसका मतलब है कि मुंह ढकने के पीछे और है या पुरूष है अपना देशवासी है या कोई बंगलादेशी तो कोई पाकिस्तान से आकर वोट डाल रहा है। उनका इससे कोई मतलब नही है। इसका मतलब यह हुआ कि ये लोग हिंदु को हिंदुत्व को भारत को बेचने पर तुले हुए हैं। इनको जीतना जल्दी भारत से बाहर निकालो देश उतना ही जल्दी आगे बढ़ेगा।

भाजपा नेत्री एवं हैदराबाद की प्रख्यात चिकित्सक, राजनीतिज्ञ, समाजसेवी हिंदू विचारक डॉ.माधवीलता ने रायगढ़ जिले में लगातार हो रहे धर्मातरण के संबंध में उन्होंने कहा कि मेरे पास इसके लिये एक ही जवाब है, हमारे जैसे लोग आगे बढ़ें आदिवासियों को गले लगायें, अपनाये उनके लिये काम करें मजाल है किसी की हमारे आदिवासियों के पास आने की, मंै फिर से आ रही हूं अपने आदिवासी परिवार के साथ काम करने के लिये।


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