रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 17 नवंबर। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भूपेश बघेल की सरकार के समय जब भाजपा विपक्ष की भूमिका में थी, तब उन्होंने शराबबंदी को लेकर धरना प्रदर्शन आंदोलन कर भूपेश सरकार को घेरा था और उनकी सरकार के सत्ता में आते ही तब उनका शराबबंदी को लेकर चाल चरित्र और चेहरा जगजाहिर हो गया जब भाजपा की साय सरकार की नई शराब नीति की घोषणा सार्वजनिक हुई।
उन्होंने कहा भाजपा सरकार द्वारा शराब नीति को लेकर जो फैसला आया है वह इस शांतिप्रिय प्रदेश को अशांत करने की दिशा में बड़ा घातक कदम होगा और जिस प्रदेश की पहचान अब तक धान के कटोरे की तरह होती थी, वह अब देश में शराबी और नशेड़ी प्रदेश के रूप में जाना जाए तो कोई अतिश्योक्ती नहीं होगी। उन्होंने ये बात प्रदेश में नई आबकारी नीति घोषित होने के बाद कही अनिल शुक्ला ने बताया कि अब तक सिर्फ होटलों को मिलने वाला बार लाइसेंस, अब रेस्टॉरेंट और ढाबों को भी दिया जाएगा। यानी, होटल्स में ही नहीं अब से प्रदेश के रेस्टॉरेंट्स और ढाबों में भी शराब परोसी जा सकेगी।
साय कैबिनेट ने इस एक्ट को मंजूर कर दिया है, इसके लिए आबकारी विभाग पूरी तैयारी भी कर चुका है। बात शराब नीति की है सो पिछली सरकार में घर घर जाकर शराब बंदी को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली भाजपा द्वारा लिए गए इस फैसले से जाहिर हो चुका है कि ये सरकार सराब माफियाओं से सांठ गांठ कर व्यापार चलाने की जुगत में लग चुकी है और इस गलत निर्णय से हमारा प्रदेश नशे के चंगुल में बुरी फंसने जा रहा है इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए।
अनिल शुक्ला ने बताया कि 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद प्रदेश में शराब की खपत में कमी आई थी। कांग्रेस सरकार के पांच सालों में प्रति व्यक्ति शराब की खपत में छत्तीसगढ़ 18वें नंबर पर आ गया है।
राज्य में शराब की खपत कम करने कांग्रेस सरकार ने 100 से अधिक शराब दुकानों को बंद किया था। छत्तीसगढ़ में 2018 की अपेक्षा अंग्रेजी शराब की खपत में 15 फीसदी और देशी शराब की खपत में 10 प्रतिशत की कमी आई थी।
अनिल शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार जब से बनी है इसने अब तक कोई भी निर्णय प्रदेश के हित मे नहीं लिया है वहीं शराब को लेकर कहा कि हमारे प्रदेश के अधिकांश लोग नशे के आदि भी हैं तो उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के कोई उपाय नहीं किये अपितु अब तक 2 बार शराब की दरों में इजाफा कर लोगों की आर्थिक दशा खराब की है वहीं सरकार को चाहिए था कि हर जिले में नशा मुक्ति केंद्र खोलकर कोई रचनात्मक कार्य करती लेकिन इसके विपरीत नशे को बढ़ावा देने के लिए होटल ढाबों गुमटियों में शराब के व्यवसाय से प्रदेश के अमन चैन छीनने की इस कोशिश को हम नाकाम करेंगे। इस गलत नीति का कांग्रेसजन पुरजोर विरोध करने के लिए प्रदेश की भोली भाली जनता के साथ खड़े होने के लिए कृत संकल्पित है।
कांग्रेस पार्टी नई शराब नीति का पुरजोर विरोध करेगी और इस नीति को वापस लेने के लिए सरकार को हर स्तर तक घेरगी और सरकार को बाध्य होकर इस थोपी गई शराबनीति वापस लेनी ही होगी।