रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 11 नवंबर। आंवला नवमी के अवसर पूजा-अर्चना के बाद वनभोज की सदियों से परंपरा अनुसार चली आ रही है। इस दिन लोग मंदिर व पिकनिक स्थल में मौजूद आंवला पेड़ों की पूजा करने के पश्चात वनभोज को लुत्फ उठाते हैं। जिसके लिये शहर के अलावा शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित पर्यटन स्थलों में लोगों की अच्छी खासी भीड़ जुटती है।
शहर के पर्यटन स्थलों में रविवार को लोगों ने अपने-अपने अंदाज में परिवार के अलावा दोस्तों के साथ पहुंचकर आंवला नवमी का पर्व मनाया। इंदिरा विहार में महिलाओं और बच्चों ने खेल कूदकर, झूलों व आंवला वृक्ष के नीचे अलग-अलग प्रकार के पकवान बनाकर भोजन का आनंद लिया। तो वहीं दूसरी तरफ कुछ शरारती तत्वों ने पिकनिक स्थलों में शराबखोरी करते नजर आये।
बताया जाता है कि कार्तिक शुक्ल नवमी को आंवले की पूजा व उसकी छांव में भोजन का विशेष महत्व माना गया है। जिसे लेकर हर साल बड़ी संख्या में लोग पर्यटन स्थल पहुंचकर विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर भोजन ग्रहण करने पहुंचते हैं। इसके लिए वन विभाग के पर्यटन पार्क रामझरना, इंदिरा विहार, अटल रॉक गार्डन के अलावा इको पार्क में हर साल एक माह पहले ही आंवला नवमी की तैयारी कर ली जाती है।
टीपाखोल डेम पिकनिक मनाने पहुंचने वाले लोगों ने बताया कि यहां अलग-अलग गुटों में लोग शराबखोरी करते नजर आये जिसके कारण वे लोग यहां खुलकर आनंद नहीं उठा सके। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से टीपाखोल डेम सहित शहर के कुछ पर्यटन स्थलों में शराबखोरी के मामले देख जा रहे हैं। जिससे कारण ऐसी जगहों में पहुंचने वाले महिलाओं, युवतियों और बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।