रायगढ़

मकान का बीमा किया, पर आगजनी होने पर नहीं दिया क्लेम
16-Oct-2024 5:08 PM
मकान का बीमा किया, पर आगजनी होने पर नहीं दिया क्लेम

फोरम ने 20 लाख से अधिक राशि भुगतान करने का दिया आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 16 अक्टूबर।
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी की स्थानीय शाखा से मकान का बीमा कराने के बाद बीमित अवधि में आगजनी से मकान को क्षति पहुंचने की स्थिति में बीमा कंपनी के द्वारा बीमा राशि का भुगतान करने में आनाकानी करने के मामला सामने आया है। उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को दोषी करार देते हुए बीमा धारक को 20 लाख रुपये से अधिक का मय ब्याज भुगतान करने का आदेश पारित किया है।

आवेदक का परिवाद इस प्रकार है कि आवेदक डॉ. सरोज कुमार  के स्वामित्व की भूमि ग्राम अतरमुड़ा रायगढ़ में स्थित है। उक्त भूमि पर आवेदक द्वारा ऋण सुविधा प्राप्त कर 2004 में मकान का निर्माण कराया गया। मकान की सुरक्षा हेतु अनावेदक कार्यालय से 30 नवंबर 2014 को विधिवत् प्रीमियम अदा कर बीमा कराया गया है जो कि 29 नवंबर से 28 नवंबर 2024 के लिए वैध है, 25 अपै्रल 2021 को मकान में सिलेंडर में अचानक आग लग जाने से हुए विस्फोट के कारण पूरा मकान क्षतिग्रस्त हो गया और मकान में रखे अन्य समान भी पूरी तरह जलकर क्षतिग्रस्त हो गये।

उक्त घटना में किसी भी व्यक्ति को क्षति कारित नहीं हुई आग बुझाने हेतु जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी नगर सेना रायगढ़ को 12,431 रूपये आग बुझाने हेतु आवेदक द्वारा दिया गया। उक्त घटना की सूचना 26 अपै्रल 2021 को थाना प्रभारी चक्रधरनगर रायगढ़ को दी गई। नुकसान के संबंध में नुकसानी पंचनामा तैयार किया गया तथा आवेदक एवं उपस्थित साक्षीयों का कथन दर्ज कर प्रतिवेदन तैयार कर थाना प्रभारी द्वारा एस.डी.एम. को प्रेषित किया गया।

आवेदक द्वारा अनावेदक कार्यालय के टोल फ्री कस्टमर केयर नं. पर संपर्क कर घटना की जानकारी दर्ज करा दी गई. जिसका क्लैम नं.-107746 है। अनावेदक कार्यालय शाखा प्रबंधक एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड व्यापार विहार बिलासपुर के द्वारा आरसीएस कंपनी के सर्वेयर को नुकसानी की जांच करने हेतु 20 मई 2021 को मकान का पूरी तरह सर्वे करने के उपरांत भवन एवं समान की नुकसानी राशि 35 लाख रूपये निर्धारित किया गया। 

सर्वेयर द्वारा इंजीनियर से नुकसानी का इंस्टीमेंट तैयार कर भेजने हेतु निर्देशित किये जाने पर इंजीनियर द्वारा मौके का निरक्षण कर नुकसानी राशि 19 लाख 67 हजार रूपये तैयार कर भेजा गया। 

अनावेदक कंपनी के द्वारा नियुक्त सर्वेयर 16 जुलाई 2021 को पुन: सर्वे करने हेतु आने पर इंजीनियर आनंद पाण्डे की उपस्थिति में दोबारा संयुक्त रूप से सर्वे कर नुकसानी राशि कम कर 15 लाख 85 हजार रूपये का स्टीमेंट तैयार किया गया तथा आवेदक को पूर्णत: आश्वस्त किया गया की उक्त नुकसानी राशि अनावेदक द्वारा शीघ्र प्रदान कर दी जाएगी।

आवेदक द्वारा अनावेदक कार्यालय द्वारा मांगी गई समस्त दस्तावेज अनावेदक कार्यालय को उपलब्ध करा दिये गये और कार्यालीन संबंधी समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई, किन्तु उसके बावजूद भी क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान नहीं किया गया। आवेदक की शिकायत का निराकरण नहीं कर अनावेदक द्वारा सेवा में कमी व व्यवसायिक दुराचरण करने से परिवेदित होकर आवेदक द्वारा परिवाद पेश कर वांछित अनुतोष दिलाये जाने का निवेदन जिला उपभोक्ता विवाद आयोग रायगढ़ के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

इस मामले में फोरम के अध्यक्ष छमेश्वर लाल पटेल व सदस्य द्वय राजेन्द्र कुमार पाण्डेय व राजश्री अग्रवाल ने दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात बीमा कंपनी को सेवा में कमी का दोषी पाया और आवेदक को बीमित राशि में से आंकलन उपरांत 45 दिवस के भीतर 15 लाख 85 हजार रूपये का भुगतान करने तथा परिवाद दायर करने की तिथि से अदायगी तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज का भुगतान करने एवं क्षतिपूर्ति के रूप में 20 हजार रूपये तथा वाद व्यय के रूप में 5 हजार रूपये का 45 दिवस के भीतर भुगतान करने तथा परिवाद दायर करने की तिथि से अदायगी तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भुगतान करने का आदेश पारित किया है। इस मामले में आवेदक की ओर से अधिवक्ता धीरज जायसवाल ने पैरवी की।  
 


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