रायगढ़

ग्रामीण के घर में लगाई आग, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा
07-Aug-2024 3:15 PM
ग्रामीण के घर में लगाई आग, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 7 अगस्त।
बकरी गुमने को लेकर हुए विवाद के बाद ग्रामीण के मकान को आग के हवाले कर देने के मामले में एडिशनल सेशन कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए दस साल के सश्रम कारावास और जुर्माने से दंडित किया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी तीजराम खडिया निवासी बाम्हनपाली मंगलम क्रशर बानीपाथर में परिवार सहित मजदूरी का काम करता है। वह अपने बाम्हनपाली स्थित मकान में ताला लगाकर एक सप्ताह पहले से मंगलम क्रशर बानीपाथर में परिवार सहित मजदूरी करने गया था। 

08 मार्च 2023 की सुबह 10 बजे बाम्हन पाली का सुखराम चौहान उसे फोन करके बताया कि मौहापाली का रहने वाला छोटेलाल पटैल अभियुक्त उनके घर को आग लगा दिया है। 
उक्त सूचना पर वह अपनी पत्नी यशोदा खडिया व भाई ललित खडिया तथा बेटे लखन के साथ जाकर देखा तो उनके मकान में आग जल रहा था। इसके बाद उसने गांव के सरपंच दयाराम राठिया की मदद से फायर बिगे्रड बुलवाकर आग बुझाया तब तक घर का छप्पर सीट, लकडी, 3 कट्टा चावल, एक सायल और पहनने के कपड़े जलकर चुके थे। छोटेलाल पटेल द्वारा उसके घर को आग के हवाले किया गया था। जिसे मौके पर बकरी चरा रहे मनसा यादव द्वारा देखा गया था।

प्रार्थी की शिकायत के बाद इस मामले में खरसिया पुलिस ने आरोपी छोटेलाल पटेल के खिलाफ धारा 436 के तहत अपराध दर्ज कर मामले को जांच में लिया गया था। यह मामला उपार्पण पश्चात एडिशनल सेशन कोर्ट में सुनवाई के लिये पहुंचा था। जहां दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात

इस मामले में एडिशनल सेशन कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार ठाकुर ने आरोपी छोटेलाल पटेल को भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 436 में दोषी करार देते हुए 10 साल के सश्रम कारावास एवं 2 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड की राशि नहीं पटाये जाने पर आरोपी को 3 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताने की बात कही गई है। इस मामले में अपर लोक अभियोजक विमला महंत ने पैरवी की है।
 


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