महासमुन्द

कई सालों से अटके भू-अर्जन के तीन मामलों का निपटारा हुआ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 14 फरवरी। तुमगांव रोड पर स्थित रेलवे लाइन पर बनाए जा रहे ओवरब्रिज का सबसे बड़ा रोड़ा अब खत्म हो गया है। कई सालों से अटके भू-अर्जन के तीन मामलों का निपटारा हो चुका है।
भू-अर्जन के मामले का निपटारा होने के बाद अब एक बार फिर से निर्माण कार्य में तेजी लाने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके तहत ब्रिज के लिए खड़े किए जाने वाले शेष पिलर के निर्माण के लिए आज से पाइल मशीन लगाई जाएगी। रविवार से पिलर खड़े करने के लिए जमीन पर बेस तैयार करने का काम शुरू किया जाएगा। सेतु निगम के एसडीओ एलडी महाजन ने बताया कि भू.अर्जन की समस्या दूर हो गई है। अब ब्रिज के लिए शेष तीन पिलर का निर्माण शुरू किया जाएगा। यह एक बड़ी अड़चन थी, जिसे दूर कर लिया गया है। आने वाले दिनों में निर्माण कार्य में तेजी आएगी। इसके लिए निर्माण कंपनी को निर्देश दे दिए गए हैं। आज रविवार से ही पिलर निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि ब्रिज के लिए तीन पिलर का निर्माण किया जाना शेष है।
गौरतलब है कि ब्रिज के लिए गर्डर आए करीब चार महीने बीत चुके हैं। कंपनी और रेलवे के अधिकारियों ने आकर इसकी टेस्टिंग भी पूरी कर ली है। जनवरी महीने में गर्डर की टेस्टिंग पूरी करने के बाद इसकी रिपोर्ट रेलवे के अधिकारियों को सौंप दी गई है। लेकिन रेलवे की ओर से अब तक गर्डर चढ़ाने संबंधी अनुमति नहीं मिली है। श्री महाजन कहते हैं कि रेलवे की ओर से अनुमति नहीं मिलने तक ओवरब्रिज का शेष काम पूरा किया जाएगा। चूंकि निर्माण कार्य में पहले से काफी देरी हो चुकी है। ऐसे में आने वाले दिनों में निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी। अधिकारियों की मानें तो पिलर खड़े करने के साथ ही अंबेडकर चौक की ओर बचे हुए काम को पूरा किया जाएगा।
इस ओवरब्रिज की लम्बाई 626.240 मीटर, ब्रिज की चौड़ाई 10.600 मीटर, कार्यादेश जारी 30 मई 2017, पूरा होना था 29 मई 2018, कुल लागत 39 करोड़ रुपए है। वर्ष 2017 मई में शुरू हुए ओवरब्रिज निर्माण की गति तुमगांव रोड की ओर काफी तेज थी। इस ओर तेजी से निर्माण कार्य शुरू हुआ। तुमगांव रोड की ओर 6 पिलर खड़े हुए। उस पर सडक़ निर्माण भी कर लिया गया है। यह कार्य सालभर में ही पूरा हो चुका था लेकिन अंबेडकर चौक की ओर 7 पिलर खड़े किए जाने हैं और इनमें से केवल 4 का निर्माण ही हो पाया है। तीन का कार्य अब भी शेष है। ज्ञात हो कि ओवरब्रिज के लिए कुल 17 पिलर खड़े किए जाने हैं। इनमें से 4 का निर्माण रेलवे को करना था जो पूरा हो चुका है।