महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 जुलाई। अंधाधुंध बिजली बिल और अघोषित बिजली कटौती के विरोध में आम आदमी पार्टी ने प्रदेश भर विरोध दर्ज कराया है। आज प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों में अधीक्षण यंत्री/कलेक्टर/तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर कहा है कि छत्तीसगढ़ में बिजली दर वृद्धि वापस हो और अघोषित बिजली कटौती बंद किया जाए।
महासमुंद जिला मुख्यालय में विज्ञप्ति जारी करने पहुंचे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व प्रदेश सचिव संजय यादव ने किया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में जुलाई से बिजली की दरों में प्रति यूनिट लगभग 20 पैसे की वृद्धि जुलाई, 2025 से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित है। उक्त बढ़ी हुई दरों से प्रदेश के गरीब तबके और आम जनता को परेशानी निश्चित है। नई दरों में वृद्धि का कारण छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सरकार को प्रस्तुत किए गए लगभग 4,550 करोड़ के घाटे को इंगित किया जा रहा है, जिसके लिए नए टैरिफ की जरूरत मानी जा रही है।
संजय यादव का कहना है कि छत्तीसगढ़ बिजली सरप्लस राज्य है। आम जनता को सस्ती बिजली मिलने के बजाय बिजली महंगी करने की योजना बनाई जा रही है,
जबकि सरकार को अपने खर्चे में कटौती करनी चाहिए.विद्युत की 4 कंपनियों की जगह है, अगर 1 कंपनी होती तो अतिरिक्त 3 कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारी के वेतन और खर्चों की बचत होती।
कहा कि सरकार विद्युत कंपनियों के खर्चे कम नहीं कर रही है.उस खर्चे की भरपाई छत्तीसगढ़ की जनता से बिजली दर बढ़ाकर की जा रही है। बिल में हर माह ऊर्जा प्रभार के साथ अनेक गैरजरुरी चार्ज लिए जातें हैं। विगत कुछ माह पूर्व ही सरकार ने कमर्शियल का रेट बढ़ाया था. जिसे व्यापारियों ने अपने सामान का रेट बढ़ाकर आम लोगों से वसूल किया है।
पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार बढ़ी हुई बिजली दर को वापिस नहीं लेती है और ऐसे ही असमय बिजली कटौती करती रही तो आने वाले समय में आम आदमी पार्टी आम जनता के लिए बड़ा आंदोलन करेगी।