महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 जुलाई। पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने शासन द्वारा जिला मुख्यालय स्थित मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ इकाई के दफ्तर को सारंगढ़ जिला स्थानांतरित किए जाने की कार्रवाई को महासमुंद जिले के साथ शासन का उपेक्षा पूर्ण सौतेला व्यवहार निरूपित किया है।
श्री चंद्राकर ने जारी विज्ञप्ति में आगे कहा कि एक तरफ जिले भर के ग्रामीण सडक़ों की स्थिति बदतर स्थिति में होने की खबरे आए दिन सामने आ रहे हैं। वहीं, जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ इकाई के लिए काम नहीं होने की बात कहकर यहां से इस कार्यालय को सारंगढ़ भेजा जा रहा है। श्री चंद्राकर ने कहा कि उनके कार्यकाल में जिले के ग्रामीण सडक़ों के निर्माण, जीर्णोद्धार कार्यों को गति प्रदान करने यह दफ्तर खुलवाया गया था। लेकिन, भाजपा के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा व शासन के सौतेला व्यवहार से इस महत्वपूर्ण दफ्तर को यहां से हटाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में वर्षा के मौसम ने कई सडक़ों की हालत बिगाड़ दी है। कई ग्रामीण सडक़ों में चलना मुश्किल हो गया है। भोरिंग से अछोला मार्ग की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। यही नहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्र के सडक़ों की हालत भी अत्यंत खराब है। इन सडक़ों का नवनिर्माण अत्यंत आवश्यक हो गया है। जिसे मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ इकाई के अधीन कार्य होना था। लेकिन, सरकार द्वारा यहां काम नहीं है कहकर इस दफ्तर को स्थानांतरित किया जाना जिले के लोगों के साथ दोहरे व्यवहार को प्रदर्शित कर रहा है।
पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ इकाई का मुख्य कार्य मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ों का निर्माण और उन्नयन करना है। इस योजना का उद्देश्य सभी गांवों को बारहमासी सडक़ों से जोडऩा है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और विकास को बढ़ावा मिले। मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ इकाई, मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना (एमएमजीएसवाई) के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है। इस योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ों का निर्माण, उन्नयन और रखरखाव किया जाता है, ताकि ग्रामीण इलाकों को मुख्य सडक़ों से जोड़ा जा सके। एमएमजीएसवाई के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में नई सडक़ों का निर्माण किया जाता है।
खासकर उन गांवों में जो अभी तक पक्की सडक़ों से नहीं जुड़े हैं। मौजूदा ग्रामीण सडक़ों को बेहतर बनाने, उन्हें पक्का करने और उनकी गुणवत्ता में सुधार करने का काम भी इस इकाई द्वारा किया जाता है। सडक़ों के साथ-साथ, ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक पुलों का निर्माण, सडक़ों के निर्माण और उन्नयन के बाद, उनकी नियमित मरम्मत और रखरखाव का काम भी इस इकाई की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण इकाई को यहां से हटाए जाना भाजपा सरकार के जिलेवासियों के साथ सौतेला व्यवहार को प्रदर्शित कर रहा है।