महासमुन्द

अब अपात्र लोगों को जारी गरीबी रेखा राशन कार्ड निरस्त होगा
11-Jul-2025 3:58 PM
अब अपात्र लोगों को जारी गरीबी रेखा राशन कार्ड निरस्त होगा

ई-केवाईसी नहीं कराने पर राशन कार्ड से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,11जुलाई। विभागीय जानकारी अनुसार अब अपात्र लोगों को जारी गरीबी रेखा राशन कार्ड निरस्त होगा। दरअसल खाद्य विभाग की जांच टीम ने जिले भर के कुल 15 हजार 473 संदिग्ध राशन कार्डों की कुंडली खंगालकर जांच शुरू कर दी है। प्रत्येक ब्लॉकों में सत्यापन टीम बनाकर डुप्लीकेट राशन के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। गत 2 वर्षों से लगातार जिले में पात्र लोगों द्वारा गरीबी रेखा के राशन कार्ड पर राशन उठाने की लगातार शिकायत मिल रही थी। बीते दो दिनों से सत्यापन में विभाग ने धुंआधार 1128 राशन कार्डों के विरूद्ध कार्रवाई की है। यानी अब तक 7 फ ीसदी काम पूरा हुआ है। जिले के सभी ब्लॉकों में 3 सदस्यीय टीम लगातार कार्रवाई कर रही है।

मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में लगातार राशन कार्डों का सत्यापन किया गया था। लेकिन इसके बाद जब जनपद पंचायत, नगर पालिका तथा पंचायत स्तर पर राशन कार्डों का आवेदन लिया जाना प्रारंभ हुआ। इसी दौरान बड़ी संख्या मेंबोगस राशन कार्ड बनने शुरू हुए। वहीं वर्ष 2024 में में विभाग का पोर्टल भी हैकरों द्वारा हैक कर लिया गया था। फलस्वरूप हैकरों ने पोर्टल का जबरदस्त दुरूपयोग किया। इसी दौरान खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, संचालनालय नवा रायपुर के पत्र अनुसार महासमुंद जिले में कुल 15473 राशन कार्डों के संदिग्ध होने की जानकारी मिली। फलस्वरूप अब इन राशन कार्डों का भौतिक सत्यापन कर प्राप्त तथ्यों की जानकारी विभागीय वेबसाइट के राशन कार्ड माड्यूल एवं डुप्लीकेट राशन कार्डों की जानकारी और इस पर कार्रवाई के लिये नोडल अधिकारी, सहायक नोडल अधिकारी तथा सत्यापन दल का गठन किया गया।

कार्यकर्ता संदिग्ध राशन कार्डों में दर्ज आधार नंबर के आधार पर राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर के डुप्लीकेट राशन कार्डों 100 वर्ष से अधिक उम्र के सदस्य वाले राशन कार्डों, 12 माह से खाद्यान्न का उठाव नहीं करने वाले राशन कार्ड, 6से12 महीने तक खाद्यान्न उठाव नहीं करने वाले राशनकार्ड की जांच होगी।

मालूम हो कि बीते साल भर शहर सहित जिले में अनेक लोगों की मृत्यु हुई है। लेकिन उपभोक्ता सदस्य की मृत्यु की जानकारी खाद्य विभाग को प्रदान नहीं करते और मृतक के नाम पर खाद्यान्न का उठाव होता रहता है। फलस्वरूप इससे शासन को प्रतिमाह लाखों का नुकसान होता है। टीम इन राशन कार्डों का भौतिक सत्यापन कर राशन कार्डों में सत्य नाम यानी जीवित लोगों के नाम पोर्टल में दर्ज करेगी।

जिले में कई ऐसे राशनकार्ड हैं जिनके मुखिया सदस्य की मृत्यु हो गई है लेकिन उनके नाम का राशन परिवार वाले उठा रहे हैं। ऐसे संदिग्ध राशनकार्डों की सूची भौतिक सत्यापन हेतु संबंधित क्षेत्र के खाद्य निरीक्षकों के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने पूर्व में आदेश दिया था कि इन संदिग्ध राशनकार्डों के भौतिक सत्यापन हेतु निम्नानुसार कार्रवाई किया जावे। फलस्वरूप भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई संदिग्ध राशनकाडों की सूची विभागीय वेबसाइट के राशनकार्ड मॉड्यूल में उपलब्ध कराई गई है। सत्यापन दल के सदस्यों द्वारा राशनकार्डधारियों के घर जाकर उनके भौतिक रूप से निवासरत होने तथा राशनकार्ड की जानकारी सत्यापित कर रहे हैं।         

राशनकार्डधारियों के निवासरत पाये जाने पर मुखिया सदस्यों के आधार नंबर, निवास पता, अन्य आवश्यक दस्तावेजों का मिलान किया ज रहा है। संबंधित क्षेत्र सत्यापन अधिकारी-कर्मचारी भौतिक सत्यापन उपरांत अपनी रिपोर्ट नोडल अधिकारी प्रस्तुत करेंगे। जिसके आधार पर नोडल अधिकारी, खाद्य निरीक्षक तथ्यों की जानकारी विभागीय वेबसाइट के राशनकार्ड माड्यूल पर एवं डुप्लीकेट राशनकार्डों की जानकारी कार्रवाई कर विभाग के पोर्टल पर दर्ज करेंगे।

         

 गौरतलब है कि चार बार मौका मिलने के बाद भी जिले भर के अनेक उपभोक्ताओं ने ई केवाईसी अपडेट करने में रुचि नहीं दिखाई। अब स्थिति यह है कि इन्हें राशन लेने के लिए अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शासन हर उपभोक्ता को राशन मिले इसके लिए 4 बार बढ़ाई। मिली जानकारी के अनुसार महज डेढ़ वर्ष में शासन ने ई केवायसी के लिए चार बार तारीखें आगे बढ़ाई ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले। बावजूद प्रदेश में सैकड़ों की संख्या तथा महासमुंद जिले में 24 हजार से अधिक लोगों ने अब तक ई केवाईसी नहीं कराया। बार-बार तिथि आगे बढ़ाए जाने की वजह से खाद्य विभाग ही नहीं पूरे खाद्य मंत्रालय का कार्य बढ़ जाता है। फलस्वरूप इसकी वजह से विभाग अन्य कार्यों की ओर ध्यान नहीं दे पाता। फलस्वरूप शासन ने इस बार कड़ाई से इस सभी को ई केवाईसी कराने के निर्देश दिए हैं। आदेश के मुताबिक जो ई केवाईसी नहीं कराएगा उसे राशन कार्ड से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा।


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