महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,10 जुलाई। पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि भाजपा की साय सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा नहीं है। शिक्षक, शिक्षार्थी व स्कूलों की हालत बदहाल है। शिक्षा सत्र शुरू हुए लगभग एक माह बीतने को हैं, लेकिन सरकार ने अब तक स्कूलों में छात्रों के लिए किताबों की व्यवस्था तक नहीं की है। इसके अलावा अनेक स्कूल भवन जर्जर हैं और इन जर्जर भवनों में पढ़ाई करने बच्चे विवश हैं। नए शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के पूर्व ही जर्जर स्कूलों की मरम्मत, शिक्षकों की व्यवस्था, पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता सरकार की प्राथमिकता होती है, लेकिन भाजपा की साय सरकार केवल शिक्षा के नीजिकरण को बढ़ावा देने, शासकीय स्कूलों को बंद करने की षडय़ंत्र के तहत काम कर रही है।
पूर्व संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों तक शिक्षा के विस्तार के लिए किताबों के साथ कॉपियां भी वितरित की। भूपेश सरकार के इस योजना का लाभ सरकारी ही नहीं निजी स्कूलों के बच्चों को भी मिला था। स्कूलों में पुस्तकों के साथ कापियाँ मिलने से बच्चों के माता पिता के सिर से कॉपियां खरीदने की एक अतिरिक्त बोझ भूपेश सरकार ने खत्म कर दिया था। लेकिन वर्तमान सरकार बच्चों को पाठ्य पुस्तक ही वितरण नहीं कर पा रही है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि विकसित भारत के दावे करने वालों की सरकार में पहले नए सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के पदों की न्यूनतम संख्या में कटौती करने अव्यवहारिक युक्तियुक्तकरण थोपा गया और अब तक छात्रों के लिये किताबों की व्यवस्था तक नहीं की गई। भाजपा सरकार नहीं चाहती है कि सरकारी स्कूलों में छत्तीसगढ़ के गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को नि: शुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो। स्कूल खुले लगभग 1 माह बीतने को है, लेकिन अब तक पाठ्य पुस्तक स्कैन करने का काम ही नहीं हो पाया है। शिक्षक-शिक्षिकाएं पठन-पाठन का काम छोडक़र स्कैन करने में पोर्टल में आ रही दिक्कतों से जूझ रहे हैं।
पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि शिक्षा प्रणाली को बदहाल करने में सत्ता के संरक्षण में शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों का भी बड़ा योगदान है। इनके द्वारा प्रदेश में अघोषित तौर पर तबादला उद्योग चलाया जा रहा है। इसका स्पष्ट उदाहरण बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम अनवरपुर प्राथमिक शाला है। जहां युक्तियुक्तकरण के तहत इस स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक का 24 घंटे के भीतर ही स्थानांतरण कर दिया गया। नए सेटअप और युक्तिकरण के नाम पर यह सरकार शिक्षकों का भयादोहन कर रही है। जहां पहले से ही शिक्षक कम है वहां से भी शिक्षकों को दबाव पूर्वक हटाया जा रहा है।