महासमुन्द

साल्हेझरिया में सरकारी जमीन पर रोक के बाद भी धड़ल्ले से चल रहा डामर प्लांट
03-May-2025 3:08 PM
साल्हेझरिया में सरकारी जमीन पर रोक  के बाद भी धड़ल्ले से चल रहा डामर प्लांट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

 महासमुंद,3 मई। ग्रामसभा में प्रस्ताव और सिर्फ  आवेदन के आधार पर एसडीएम ने जिस डामर प्लांट की स्वीकृति दी थी, उस पर तहसीलदार ने अब रोक लगा दी है। गांव की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि इस मामले में जमकर गफ लत हुई है और रोक के बाद भी डामर प्लांट धड़ल्ले से चल रहा है।

मामला बसना विकासखंड की ग्राम पंचायत साल्हेझरिया के अंतर्गत ओडिशा सीमा से लगे फुलवारी गांव का है। जानकारी के मुताबिक यहां के ग्रामीण तेजराम पटेल ने कुछ समय तक निजी उपयोग के लिए ग्राम पंचायत से सरकारी जमीन मांगी थी। इस पर ग्राम पंचायत साल्हेझरिया की ओर से ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर गुजरे 17 अप्रैल को खसरा नंबर 88 रकबा 36.86 हेक्टेयर शासकीय भूमि का तीन माह तक उपयोग करने के लिए स्वीकृत दी गई। इसी जमीन पर अब डामर प्लांट लगा हुआ है। जबकि नियमानुसार शासकीय घास मद की भूमि को उद्योग या संयंत्र के लिए आवंटित नहीं किया जा सकता। शासकीय भूमि पर डामर प्लांट के लिए यह स्वीकृति एसडीएम मनोज कुमार खांडे ने आवेदन के आधार पर दी थी। जिस पर तहसीलदार ने शासन के नियमानुसार अब स्थगन आदेश जारी किया है। इस मामले में एसडीएम मनोज कुमार खांडे ने बताया कि डामर का उपयोग सडक़ मरम्मत कार्य में होगा और स्थानीय लोगों को भी मिलेगा, इस मंशा से प्राप्त आवेदन के आधार पर प्लांट लगाने की स्वीकृति दी गई थी। पता लगा है कि इस पर तहसीलदार की ओर से स्थगन आदेश जारी किया गया है। रोक क्यों लगाई गई, इसकी जानकारी नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार शासकीय भूमि पर अधिकांश संख्या में पेड़ लगे हुए थे। जिसे काटकर समतलीकरण कर दिया गया है। वहीं यह रास्ता बसना से गढफ़ुलझर होते हुए ओडि़शा को जोडऩे वाला मुख्यमार्ग है। मुख्य मार्ग पर सडक़ किनारे डामर प्लांट से पर्यावरण को नुकसान होगा और आने-जाने वाले राहगीरों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ेगा। सरपंच हेमलता बारीक ने बताया कि ग्राम पंचायत में ग्राम सभा रखी गई थी। उपस्थित ग्रामीणों की सहमति पर तेजराम पटेल को तीन माह तक डामर प्लांट लगाने का प्रस्ताव पारित कर स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति अप्रैल महीने में दी गई है।

 

लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार और तेजराम पटेल ने ग्रामीणों को गुमराह किया है। व्यक्तिगत लाभ के लिए ग्रामवासियों को पैसे का प्रलोभन देकर और नियमों को ताक में रखकर राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। रोक के बावजूद डामर प्लांट लगाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। इस बीच प्लांट लगाए जाने की अनुशंसा और स्वीकृति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।

बसना तहसीलदार ममता ठाकुर ने बताया कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैधानिक रूप से डामर प्लांट लगाए जाने की शिकायत मिली है। इसी वजह से तहसील कार्यालय से स्थगन आदेश जारी किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।


अन्य पोस्ट