महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,10 सितंबर। भारत सरकार द्वारा प्रायोजित 21 वीं पशु संगणना कार्यक्रम अंतर्गत प्रथम चरण के प्रशिक्षण हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में 8 सितंबर को आयोजित किया गया। जिसमें संचालनालय पशु चिकित्सा सेवाएं छ ग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आगामी 21वी पशु संगणना के संबंध में जिले के 120 प्रगणकों सहित समस्त सुपरवाइजरों एवं नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया।
बताया गया कि भारत में सर्वप्रथम पशु संगणना की शुरूआत वर्ष 1919 में हुई थी। इस क्रम में पूर्व में वर्ष 2019 में 20 वी पशु संगणना संपन्न हुई थी। वर्तमान में 20 वी पशु संगणना अनुसार जिले में 3लाख 05 हजार163 गौवंशी, 21 हजार813 भैसवंशी, 15 हजार970 भेड़ प्रजाति, 1 लाख, 23 हजार, 765 बकरी प्रजाति, 1884 सूकर प्रजाति, 7 अश्व प्रजाति के इस प्रकार कुल 4 लाख, 68 हजार, 608 पशुधन एवं 10 लाख, 90 हजार, 530 पक्षीधन, 1435 श्वान तथा 350 खरगोश प्रजाति के पशु.पक्षी महासमुंद जिले में उपलब्ध है।
21 वीं पशु संगणना का कार्य भारत सरकार के सांख्यिकी प्रभाग द्वारा विकसित किए गए भारत पशुधन एप के माध्यम से किया जाएगा जो की गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध है। 120 प्रगणकों द्वारा उक्त जानकारी गांव-गांव, घर-घर जाकर एकत्र की जाएगी। तत्पश्चात एप में ऑनलाइन इन्द्राज करके सुपरवाइजर को भेजी जाएगी। सुपरवाइजरों द्वारा वेरीफिकेशन पश्चात उक्त जानकारियों को अपने जिला नोडल अधिकारी को भेजा जाएगा। वहां से समस्त जानकारियां राज्य नोडल अधिकारी के माध्यम से ऑनलाईन भारत सरकार को भेजी जाएगी।
मालूम हो कि पशु संगणना एक अत्यधिक महत्वपूर्ण कार्य है इससे सरकार को नीतियां निर्धारण करने, बेहतर योजनाओं को तैयार करने एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायता मिलती है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने जिले के सभी पशुपालकों से आग्रह किया है कि वे अपने-अपने पशुधन-पक्षीधन की जानकारी प्रदाय करने में प्रगणकों को पूर्ण सहयोग करें।